Budget 2024: दुनिया को टक्कर देंगी भारत की सोलर कंपनियां; बजट में हो सकते हैं ये बड़े ऐलान

भारत में कोयला बेस्ड थर्मल पावर प्लांट्स को रीन्युएबल में बदलने के लिए सोलर एनर्जी एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश की मौजूदा सोलर क्षमता 85gw है, जो कि भारत की ग्रिड से जुड़ी रीन्युएबल एनर्जी क्षमता का 57% है.

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सोलर एनर्जी सेक्टर मोदी सरकार की योजनाओं के दायरे में हमेशा से रहा है. इसलिए हर बार की तरह इस बजट में भी सोलर एनर्जी से जुड़ी कंपनियों की उम्मीदें मोदी 3.0 के बजट से हैं. सोलर इंडस्ट्री घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार से पॉलिसी सपोर्ट और इंसेटिव्स की आस लगाए बैठी है. 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार का फुल बजट पेश करेंगी.

बजट से क्या हैं सोलर इंडस्ट्री की उम्मीदें

भारत में कोयला बेस्ड थर्मल पावर प्लांट्स को रीन्युएबल में बदलने के लिए सोलर एनर्जी एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश की मौजूदा सोलर क्षमता 85gw है, जो कि भारत की ग्रिड से जुड़ी रीन्युएबल एनर्जी क्षमता का 57% है.

सरकार ने इस साल की शुरुआत में सोलर सेक्टर के लिए प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना जैसे उपायों की घोषणा की थी और सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए पैसों का आवंटन भी किया था. यहां हम आपको कुछ ऐसी पॉलिसी और इंसेंटिव्स की चर्चा करने जा रहे हैं, जिसकी उम्मीद बजट में ऐलानों के दौरान की जा सकती है.

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Pradhan Mantri Suryodaya Yojana)

इस योजना को पहली बार इस साल की शुरुआत में पेश अंतरिम बजट के दौरान लाया गया था. इस योजना का लक्ष्य एक करोड़ भारतीय घरों की छतों पर सोलर सिस्टम लगाना है. इस योजना को लेकर सरकार का दावा है कि हर महीने 300 यूनिट बिजली फ्री हो जाएगी, इससे सालाना 15,000 से 18,000 रुपये की बचत होने की संभावना है. इसके अलावा सरप्लस बिजली को डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को बेचने का भी विकल्प है.

उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना की जो नींव रखी गई है, 23 जुलाई को पेश होने वाले फुल बजट में इसको बड़े स्तर पर लागू करने की रणनीतियों के साथ साथ ज्यादा विवरण सरकार दे सकती है. जिसमे कई तरह के ऐलान शामिल हो सकते हैं.

  • वित्तीय आवंटन: इस स्कीम को लागू करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पैसों के आवंटन का ऐलान कर सकती हैं.

  • पात्रता: इस स्कीम का फायदा किसको मिलेगा, कौन योग्य पात्र होगा, इसे लेकर बजट में एक साफ दिशा-निर्देश आने की उम्मीद है.

  • कैसे लागू होगा: स्कीम को कैसे लागू किया जाएगा इसे लेकर एक विस्तृत योजना का ऐलान हो सकता है, राज्य सरकारों और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के रोल भी तय होंगे

  • सब्सिडी और इंसेंटिव्स: रूफटॉप सोलर इंस्टॉल करने के लिए सब्सिडी या इंसेंटिव्स का ऐलान हो सकता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस स्कीम को अपनाएं.

  • तय लक्ष्य: बजट में इस स्कीम के लिए एक लक्ष्य तय किया जा सकता है, जैसे 1 करोड़ रूफटॉप लगाने के लिए कोई समयसीमा तय की जा सकती है

ग्रिड-बेस्ड सोलर एनर्जी के लिए बजट आवंटन बढ़ाया

अंतरिम बजट में मार्च 2025 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष के लिए ग्रिड-बेस्ड सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए महत्वपूर्ण आवंटन को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो 4,757 करोड़ रुपये के पिछले संशोधित अनुमान से दोगुना से भी ज्यादा है. ज्यादा आवंटन से इस सेक्टर में ढेरों मौके बनने की उम्मीद है.

घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट

सरकार ने मॉडल्स और मैन्युफैक्चरर्स की मंजूर की गई लिस्ट को जारी किया है, जिनके बनाए गए सोलर पैनल्स का इस्तेमाल सरकारी सोलर प्रोजेक्ट्स में किया जाएगा. भले ही भारत सोलर मॉड्यूल का उत्पादन करने में सक्षम है, लेकिन सोलर सेल की क्षमता अभी पूरी नहीं है. जिसकी वजह से सोलर सेल और पैनल का इंपोर्ट करना पड़ता है.

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2024 में 51,460 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत के सोलर सेल और पैनल का आयात किया, जो एक साल पहले की तुलना में 2.84 गुना ज्यादा है. ICRA के अनुसार, बढ़ोतरी की मुख्य वजह घरेलू पैनलों की तुलना में सोलर पैनल्स की इंपोर्टेड लागत 4% प्रति वाट कम है. इसके अलावा, सोलर सेल इंपोर्ट पर 25% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगती है.

इस ड्यूटी में एडजस्टमेंट या सोलर सेल और पैनल मैन्युफैक्चरिंग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं का विस्तार निवेश को आकर्षित कर सकता है और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दे सकता है.

कंपनियां क्या कहती हैं

देश की सबसे बड़ी सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी वारी एनर्जीज के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर हितेश दोशी के मुताबिक - अगला बजट सरकार के लिए घरेलू सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट करने का एक अच्छा मौका होगा.

NDTV प्रॉफिट से उन्होंने कहा कि 'इंडस्ट्री को उम्मीद है कि बजट ज्यादा से ज्यादा एंड-टू-एंड मैन्युफैक्चरिंग का समर्थन करेगा, सेक्टर की सभी सहायक कंपनियों के साथ-साथ सोलर पैनल, बैटरी वगैरह बनाने के लिए जरूरी प्रोडक्ट्स का सपोर्ट करेगा'.

सरकार ने पैसों और ब्याज दरों के संदर्भ में मदद करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लॉन्च की है. दोशी ने कहा कि भारत इस वक्त उन देशों के साथ कंपटीशन कर रहा है, जिनकी सोलर मैन्युफैक्चरिंग क्षमताएं भारत से आगे हैं. इसर तरह कैपिटल सपोर्ट और PLI स्कीम मं बढ़ोतरी से देश ग्लोबल स्तर पर कंपटीशन करने में मदद मिलेगी. फिलहाल अगर भारत सोलर प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट करता है तो कोई फायदा नहीं है, ये हमको कम कंपटीटिव बनाता है.'