बजट 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं. देश को इस बात का अनुमान लगा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल देश के एक अरब से ज्यादा नागरिकों के लिए क्या लेकर आने वाली हैं. कर सुधारों से लेकर ड्यूटी रिफार्म तक आम आदमी को इस साल के बजट से बहुत उम्मीदें हैं. 1 फरवरी को सारा सस्पेंस खत्म हो जाएगा, जब सीतारमण संसद में अपना लगातार आठवां बजट भाषण देंगी.
वित्त मंत्री संसद में बजट भाषण देते हैं, जिसमें सरकार की अर्थव्यवस्था और लोगों के लिए साल भर की योजनाओं के बारे में बताया जाता है. यही कारण है कि प्रत्येक बजट भाषण को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. बजट 2025 से पहले भारतीय इतिहास के सबसे लंबे और सबसे छोटे बजट भाषणों पर एक नजर .......जानिए कौनसा है सबसे लंबा और छोटा भाषण ?
सबसे लंबा बजट भाषण
बजट 2020 - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में भारत के इतिहास में सबसे लंबा बजट भाषण पेश करके सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. बजट 2020-21 के लिए उनका भाषण 2 घंटे 42 मिनट तक चला.
भाषण के दौरान, निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था जैसे कई आर्थिक सुधारों की शुरुआत की.
अपने मैराथन भाषण के बीच में, सीतारमण कुछ अस्वस्थ महसूस करने लगीं और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को उनके बजट भाषण के अंतिम दो पन्ने पढ़ने के लिए आगे आना पड़ा. उस वर्ष, सीतारमण ने 2019 में अपना रिकॉर्ड तोड़ा, जब उनका बजट भाषण 2 घंटे 19 मिनट लंबा था.
सीतारमण से पहले, सबसे लंबा बजट भाषण 2003 में जसवंत सिंह ने दिया था, जो 2 घंटे 13 मिनट तक चला था. अरुण जेटली का 2014 का बजट भाषण 2 घंटे 10 मिनट का था.
सबसे छोटा बजट भाषण
1977 में अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण तत्कालीन वित्त मंत्री हीरूभाई M पटेल ने दिया था. 1977 के उनके अंतरिम बजट भाषण में केवल 800 शब्द थे.
शब्दों के लिहाज से सबसे लंबा बजट भाषण
बजट 1991 शब्दों के लिहाज से सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड मनमोहन सिंह ने बनाया था, जो 1991 में भारत के वित्त मंत्री थे. उस साल PV नरसिम्हा राव सरकार के तहत उनका बजट भाषण 18,650 शब्दों का था, सिंह ने 1991 में भारत के सबसे महत्वपूर्ण बजटों में से एक पेश किया था, जिसमें उदारीकरण को बढ़ावा दिया गया था.