Exclusive: हाइब्रिड कारों पर इंसेंटिव्स के लिए मारुति केंद्र और राज्यों से कर रही है बात: आर सी भार्गव

मारुति सुजुकी चेयरमैन भार्गव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने नेट-जीरो लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में देश की जरूरतों को महसूस करने के लिए सक्रिय और समझदार रही है

Source: Maruti

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाइब्रिड कारों पर रजिस्ट्रेशन फीस को 100% माफ कर दिया है, अब इसका सबसे ज्यादा फायदा मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki India Ltd.) को होगा, इसलिए मारुति चाहती है कि ये छूट बाकी राज्य और केंद्र सरकार भी लागू करे. मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव (RC Bhargava) इसके लिए केंद्र और कई दूसरे राज्यों से बातचीत भी कर रहे हैं.

केंद्र और राज्यों से कर रहे हैं बात: भार्गव

मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने NDTV प्रॉफिट से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा -'हम केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों के साथ चर्चा जारी रखे हुए हैं कि केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियाों का एक विकल्प है जिस पर हमें विचार करना चाहिए. इलेक्ट्रिक गाड़ियों के अलावा दूसरी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना जरूरी है, क्योंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल अकेले ये काम नहीं कर सकती है.'

मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों के मुताबिक, NDTV प्रॉफिट की रिपोर्ट के बाद भार्गव का बयान आया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से स्टॉन्ग हाइब्रिड कारों और प्लग-इन हाइब्रिड कारों की रजिस्ट्रेशन फीस को 100% माफ करने का फैसला किया है.

नेट-जीरो लक्ष्यों को हासिल करना प्राथमिकता

मारुति सुजुकी चेयरमैन भार्गव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने नेट-जीरो लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में देश की जरूरतों को महसूस करने के लिए सक्रिय और समझदार रही है. उन्होंने कहा कि देश प्रदूषण के स्तर को कम करना चाहता है, जीरो-कार्बन क्रेडिट लक्ष्यों को पूरा करना चाहता है और इंपोर्टेड तेल पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की पॉलिसी इसी उद्देश्य से लाई गई थी.

भले ही इलेक्ट्रिक व्हीकल ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं और ग्राहक इसको खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं, इस पर भार्गव ने कहा कि ICE ( internal combustion engine) इंजन वाली गाड़ियां अब भी बड़ी संख्या में खरीदी जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस के स्तर को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अलावा टेक्नोलॉजी को भी अपनाया जाना चाहिए. हाइब्रिड, CNG और बायो फ्यूल का इस्तेमाल इसका हल है.