RBI केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस ट्रांसफर करेगा, अब तक का रिकॉर्ड लाभांश

RBI ने कहा है कि अगर रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट का 7.5% से ज्‍यादा इक्विटी (पूंजी) उपलब्ध है, तो अतिरिक्त रकम को इनकम में जोड़ा जा सकता है.

केंद्रीय बैंक RBI केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस ट्रांसफर करेगा. RBI ने शुक्रवार को बताया कि वो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का सरप्‍लस यानी लाभांश देगा. ये अब तक का सबसे ज्‍यादा सरप्लस ट्रांसफर है.

पिछले वित्त वर्षों में सरकार को मिलने वाली ये रकम इस वर्ष की तुलना में काफी कम मिली थी. वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्रीय बैंक ने केंद्र को 2.1 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किया था, जबकि वर्ष 2022-23 में ₹87,420 करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर किया था.

विशेषज्ञों का क्‍या था अनुमान?

अर्थशास्त्रियों ने इस बार अनुमान लगाया था कि RBI सरकार को ₹2.5 से ₹3.5 लाख करोड़ के बीच सरप्लस दे सकता है.

बता दें कि RBI सरकार को हर साल अपनी कमाई से एकमुश्‍त रकम देता है. RBI का सरप्लस ट्रांसफर कई स्रोतों से आता है, जैसे विदेशी मुद्रा लेनदेन से कमाई, निवेश से लाभ, नोट छापने से मिलने वाली फीस और डॉलर भंडार में हुए मूल्य परिवर्तन.

इस बार का रिकॉर्ड सरप्लस ट्रांसफर RBI की डॉलर खरीद-बिक्री के चलते हुए वैल्यूएशन गेन से भी जुड़ा माना जा रहा है, जो रुपये को स्थिर रखने के प्रयास का हिस्सा था.

सरप्लस ट्रांसफर पॉलिसी

RBI के बोर्ड ने अब इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) को भी संशोधित किया है. नए नियमों के अनुसार, कॉन्टिनजेंट रिस्क बफर (CRB) यानी संभावित जोखिमों के लिए बनाए गए भंडार को अब RBI की बैलेंस शीट के आकार का 6% ± 1.5% के दायरे में रखा जाएगा. पहले ये स्तर 6.5% तय था, लेकिन अब इसका निचला स्तर 5.5% रखा गया है.

RBI ने बताया कि 2018-19 से 2021-22 के बीच जब कोविड-19 महामारी और आर्थिक चुनौतियां थीं, तब CRB को बैलेंस शीट का 5.5% रखा गया था ताकि विकास और आर्थिक गतिविधियों को समर्थन मिल सके.

इसके बाद CRB को 2022-23 में 6% और 2023-24 में 6.5% कर दिया गया. अब नए इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क और मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए RBI के बोर्ड ने इसे और बढ़ाकर 7.5% करने का फैसला किया है.

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