हाल ही में PwC इंडिया ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि 2026-27 तक डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा हर दिन 100 करोड़ तक जा सकता है. यानी जो FY23 में 10,300 करोड़ है, वो FY27 तक 41,100 करोड़ के ट्रांजैक्शन तक जा सकता है. डिजिटल ट्रांजैक्शन में UPI का बड़ा रोल रहा है. हालांकि 2-3 और भी तरीके हैं, जो डिजिटल पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. मसलन RTGS, NEFT या IMPS.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भूकंप, सूनामी, जलप्रलय जैसी कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आ जाए या फिर युद्ध छिड़ जाए और इस परिस्थिति में सारा सिस्टम बैठ जाए तो पैसों का लेनदेन कैसे हो पाएगा? लोग एक-दूसरे को या एक जगह से दूसरी जगह ऑनलाइन पैसे कैसे ट्रांसफर कर पाएंगे?
आपने नहीं सोचा तो कोई बात नहीं, RBI ने सोच लिया है! जी हां, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल लेनदेन के लिए UPI, IMPS, RTGS और NEFT से बिल्कुल अलग एक नया पेमेंट सिस्टम लाने की तैयारी में है. ये नया पेमेंट सिस्टम किसी भी हालात में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने में सक्षम होगा.
LPSS: लाइटवेट पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम
RBI ने FY23 की सालाना रिपोर्ट में बताया है कि आपात परिस्थितियों के लिए वो एक नया और पूरी तरह सुरक्षित पेमेंट सिस्टम (Payment System) तैयार कर रहा है, जो बुरी से बुरी आपदा की स्थिति में भी ऑनलाइन पेमेंट को रुकने नहीं देगा. RBI ने इसे LPSS यानी लाइटवेट पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम नाम दिया है.
डेवलप किया जा रहा सिस्टम
देश को हर आपातकाल की स्थिति में तैयार रखने के लिए LPSS डेवलप किया जा रहा है. इस सिस्टम को कम से कम वर्कफोर्स या कर्मचारियों से चलाया जा सकेगा और किसी भी इमरजेंसी वाली स्थिति में इससे डिजिटल पेमेंट किया जा सकेगा. इसके लिए बहुत ही कम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ेगी और परिस्थिति के हिसाब से ही इसे एक्टिव किया जाएगा.
कभी ठप नहीं होगा LPSS
डिजिटल लेनदेन के लिए फिलहाल हम रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT), इंस्टेंट मोबाइल पेमेंट सिस्टम (IMPS) और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) जैसे सिस्टम्स का इस्तेमाल करते हैं.
कई बार बैंकों में सर्वर डाउन होने के कारण डिजिटल लेनदेन में रुकावट आती है. युद्ध या आपदा जैसी परिस्थितियों में तो इनके जरिए ट्रांजैक्शन संभव ही नहीं हो पाएगा, क्योंकि इसके लिए एडवांस IT इंफ्रास्ट्रक्चर और फाइबर नेटवर्क की जरूरत पड़ती है.
वहीं, LPSS मौजूदा डिजिटल पेमेंट सिस्टम से काफी अलग है. प्राकृतिक आपदाओं या फिर युद्ध जैसी स्थिति के दौरान इस लाइटवेट और पोर्टेबल सिस्टम से पेमेंट और सेटेलमेंट के लिए लगभग जीरो डाउनटाइम की सुविधा मिल सकेगी. ऐसी स्थितियों में देश की इकोनॉमी को सुचारू रूप से चलाने और लिक्विडिटी पाइपलाइन दुरुस्त रखने के लिए LPSS एक 'बंकर' की तरह बड़ा काम आएगा और पैसों के फटाफट लेनदेन के लिए उपयोगी साबित होगा.
लॉन्च कब होगा LPSS?
फिलहाल ये सिस्टम अभी कॉन्सेप्ट स्टेज में है और RBI ने इसको लॉन्च करने की कोई टाइमलाइन भी नहीं दी है, लेकिन ये साफ किया है कि ये सिर्फ और सिर्फ इमरजेंसी की स्थिति में ही इस्तेमाल किया जाएगा.