यस बैंक, इंडसइंड बैंक समेत 6 बैंकों में 9.5% हिस्सा खरीदने के लिए HDFC बैंक ग्रुप को मिली RBI की मंजूरी

BSE पर यस बैंक के शेयरहोल्डर पैटर्न के मुताबिक, HDFC बैंक की यस बैंक में 3% हिस्सेदारी है.

Source: NDTV Profit/Vijay Sartape

इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank Ltd.), यस बैंक (Yes Bank Ltd.) में अधिकतम कुल 9.5% हिस्सेदारी खरीदने के लिए HDFC बैंक ग्रुप को रिजर्व बैंक की मंजूरी मिल गई है. इसके अलावा 4 और बैंकों एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, ICICI बैंक और सर्वोदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में भी 9.5% तक हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी रेगुलेटर की ओर से मिली है.

RBI ने हिस्सेदारी लेने की एप्लीकेशन मंजूर की

HDFC बैंक ने इन सभी बैंकों में पेड-अप शेयर कैपिटल या वोटिंग राइट्स के अलग-अलग 9.50% तक की 'कुल होल्डिंग' हासिल करने के लिए रिजर्व बैंक को एक एप्लीकेशन दी थी. यस बैंक और इंडसइंड बैंक की ओर से अलग-अलग एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है कि HDFC बैंक की ओर से रेगुलेटरी अथॉरिटी को दिए गए आवेदन के मुताबिक, RBI ने इस एप्लीकेशन को मंजूरी दे दी है. HDFC बैंक ग्रुप में HDFC म्यूचुअल फंड, HDFC लाइफ इंश्योरेंस, HDFC ERGO जनरल इंश्ंयोरेंस और दूसरी कंपनियां शामिल हैं, जो इस हिस्सेदारी को खरीदेंगी.

BSE पर यस बैंक के शेयरहोल्डर पैटर्न के मुताबिक, HDFC बैंक की यस बैंक में 3% हिस्सेदारी है. जबकि इंडसइंड बैंक में ग्रुप कंपनियों HDFC म्यूचुअल फंड की 2.43% और HDFC पेंशन की पहले से ही 1.88% हिस्सेदारी है.

RBI की शर्त

RBI ने इस एप्लीकेशन को मंजूरी देते समय ये भी कहा है कि अगर आवेदक RBI की चिट्ठी की तारीख के एक साल के अंदर प्रमुख शेयरहोल्डिंग हासिल करने में नाकाम रहता है तो इस मंजूरी को रद्द कर दिया जाएगा. इसके अलावा, HDFC बैंक को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि बैंक में कुल होल्डिंग हर समय बैंक की पेड-अप शेयर कैपिटल या वोटिंग अधिकार के 9.50% से ज्यादा न हो. अगर 'कुल होल्डिंग' 5% से कम हो जाती है, तो इसे बैंक की पेड-अप शेयर कैपिटल या वोटिंग राइट्स के 5% या उससे ज्यादा तक बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक मंजूरी लेनी होगी.