HDFC-HDFC Bank Merger: विलय के बाद मार्केट कैप पैमाने पर बनेगा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक, बढ़ेगी भारत की धाक

HDFC बैंक इस मर्जर के बाद, अमेरिका और चीन के सबसे बड़े बैंकों की श्रेणी में आ जाएगा.

Source: BQ Prime

भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक मर्जर, दुनिया में इतिहास रचने वाला है. HDFC बैंक में HDFC के मर्जर के बाद, ये दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा. ऐसा पहली बार होगा कि कोई भारतीय बैंक दुनिया के टॉप बैंकों की लिस्ट में शुमार होगा.

मार्केट कैप पैमाने पर बन जाएगा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक

मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े बैंकों की लिस्ट में टॉप पर है JP मॉर्गन, दूसरे नंबर पर है इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना और तीसरे नंबर पर है बैंक ऑफ अमेरिका. मर्जर के बाद HDFC बैंक का वैल्युएशन करीब 172 बिलियन डॉलर का हो जाएगा और ये कई बड़े नामचीन बैंकों को पीछे छोड़ देगा. इनमें HSBC, Wells Fargo, Bank of China और Morgan Stanley जैसे दिग्गज बैंक भी शामिल हैं.

(Source: Vijay Sartape/ BQ Prime)

घरेलू फ्रंट पर, देश का सबसे बड़ा बैंक SBI मार्केट कैप के लिहाज से तो पीछे छूटेगा लेकिन साइज से हिसाब से अब भी नंबर 1 ही रहेगा. ग्राहकों के मामले में भी HDFC बैंक का अनूठा रिकॉर्ड होगा. मर्जर के बाद कंपनी के पास करीब 12 करोड़ ग्राहक होंगे यानी जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया की कंबाइन्ड पॉप्यूलेशन के बराबर. बैंक के पास 8,300 ब्रांच का विशाल नेटवर्क होगा जिनमें 1 लाख 77,000 कर्मचारी काम करेंगे.

आइए, 4 बिंदुओं से विलय के बाद संभावित बदलाव को समझते हैं.

1. मार्केट कैपिटलाइजेशन

विलय के बाद HDFC बैंक, HSBC होल्डिंग्स और सिटीग्रुप से कहीं आगे निकल जाएगा. इसके साथ ही देश के सबसे बड़े बैंक SBI और ICICI बैंक को भी HDFC बैंक पछाड़ देगा. 30 जून को BSE के अनुसार, SBI का मार्केट कैप 5,10,175.4 करोड़ रुपये और ICICI बैंक का मार्केट कैप 6,53,459.17 करोड़ रुपये है. मर्जर के बाद HDFC बैंक इन दोनों बैंकों से कहीं आगे निकल जाएगा.

ब्लूमबर्ग TV को दिए एक इंटरव्यू में मैक्वेरी ग्रुप की ब्रोकरेज यूनिट में भारत की फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड सुरेश गणपति ने कहा, 'दुनिया भर में ऐसे कुछ ही बैंक हैं, जो स्केल और साइज में विशाल होने के बाद भी आने वाले 4 साल में दोगुना होने का लक्ष्य रख सकते हैं'. बैंक को 18% से 20% तक ग्रोथ की उम्मीद है, इसके साथ ही रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी की ज्यादा संभावनाएं हैं और आने वाले 4 साल में बैंक अपनी शाखाएं दोगुनी करने का प्लान कर रहा है. गणपति ने कहा, 'HDFC बैंक आगे भी एक मजबूत संस्थान बना रहेगा'.

2. डिपॉजिट ग्रोथ

डिपॉजिट ग्रोथ के मामले में HDFC बैंक भारत के अन्य बैंकों के मुकाबले पहले से ही बेहतर स्थिति में है. मर्जर के बाद दूसरे बैंकों के कस्टमर्स को अपनी ओर खींचने का एक बढ़िया मौका भी HDFC बैंक के पास होगा. इसमें से लगभग 70% कस्टमर्स के पास बैंक में खाता नहीं हैं. HDFC बैंक के रिटेल हेड अरविंद कपिल के अनुसार, उनका प्लान इन कस्टमर्स के सेविंग्स अकाउंट अपने बैंक में खुलवाने का होगा.

मर्जर की घोषणा के समय दी गई एक प्रेजेंटेशन के अनुसार, HDFC बैंक अपने कस्टमर्स को इनहाउस होम लोन दे सकेंगे क्योंकि उनमें केवल 2% के पास ही HDFC लिमिटेड का होम लोन होगा.

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3. इन्वेस्टर्स का भरोसा

JP मॉर्गन, HDFC बैंक का बड़ा इन्वेस्टर है, जिसका पूरा भरोसा बैंक पर बना हुआ है. इसके कंटिंजेंट कन्वर्टेबल बॉन्ड्स ने दुनिया भर के अपने प्रतिद्वंद्वियों से अच्छा प्रदर्शन किया है. HDFC के डॉलर नोट्स ने इस साल अब तक 3.1% का रिटर्न दिया है.

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4. शेयर की परफॉर्मेंस

पिछले साल HDFC बैंक ने निफ्टी बैंक इंडेक्स से कमतर प्रदर्शन किया है. मैक्वेरी के एनालिस्ट गैनेपेथी बताते हैं कि शेयर का परफॉर्मेंस लोन बुक की 18-20% ग्रोथ और एसेट्स पर 2% रिटर्न पर निर्भर करेगा.

गैनेपेथी आगे कहते हैं, 'मैनेजमेंट एसेट्स पर 2% रिटर्न को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है और विलय के बाद कंपनी के लोन ग्रोथ में मजबूती बढ़ेगी'.

Source: Bloomberg