इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) से जुड़े इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में केंद्र सरकार, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच चाहती है. NDTV Profit को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, बैंक बोर्ड को SEBI के आदेश में नामजद पूर्व अधिकारियों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करने की सलाह दी गई है.
SEBI ने अपने अंतरिम आदेश में बैंक के पूर्व CEO सुमंत कठपालिया सहित पांच लोगों को शेयर बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है. इसके साथ ही इन पर 19.8 करोड़ रुपये की अवैध कमाई जब्त कर ली गई है.
21 दिन बाद होगी सुनवाई
सूत्रों के अनुसार, SEBI का पूर्णकालिक सदस्य 21 दिनों के भीतर इन पूर्व अधिकारियों को पेश होने के लिए बुलाएगा, जहां उन्हें अपना पक्ष रखने और आपत्तियां दर्ज कराने का मौका मिलेगा. इसके बाद SEBI अंतिम आदेश पारित करेगा, जिसमें मुनाफा लौटाने और भारी जुर्माना शामिल हो सकता है.
सख्त सजा संभव
इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों में जुर्माना 10 लाख से 25 करोड़ रुपये या हुए मुनाफे के तीन गुना तक हो सकता है, जो भी अधिक हो. जांच के नतीजे आने के बाद आपराधिक कार्यवाही भी शुरू हो सकती है.
शिकायत के बाद तेज होगी जांच
एक अधिकारी के मुताबिक, 'जैसे ही पुलिस में शिकायत दर्ज होगी, केंद्रीय एजेंसियां केस की जांच शुरू करेंगी कि क्या इसे आपराधिक मामला बनाया जा सकता है. इस बीच, आरोपी बैंक अधिकारी SEBI की अपीलीय ट्रिब्यूनल से अंतरिम राहत मांग सकते हैं.'
कैसे सामने आया मामला?
इंडसइंड बैंक के एक बड़े डेरिवेटिव घाटे से जुड़ी संवेदनशील जानकारी (UPSI) के आधार पर कुछ ट्रेड किए गए, जिससे नुकसान से बचा गया. शेयर बाजार में इस जानकारी के उजागर होते ही SEBI ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की.
इस जांच में NSE, BSE, डिपॉजिटरी, KPMG और इंडसइंड बैंक के डेटा का इस्तेमाल किया गया, खासकर 12 सितंबर 2023 से 10 मार्च 2025 के बीच की ट्रेडिंग गतिविधियों पर ध्यान दिया गया.
SEBI का क्या कहना है?
SEBI ने 32 पन्नों के आदेश में कहा, 'ऐसा मानना अवास्तविक होगा कि जब बैंक में गंभीर वित्तीय मुद्दों पर चर्चा चल रही थी, तब ये अधिकारी सामान्य ट्रेडिंग कर रहे थे.'
इंडसइंड बैंक से जुड़ा इनसाइडर ट्रेडिंग मामला अब गंभीर मोड़ पर है. सरकार की निगरानी में SEBI ने कार्रवाई शुरू कर दी है और जल्द ही पुलिस केस और संभावित आपराधिक कार्यवाही भी शुरू हो सकती है.