इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) ने Q4 FY25 के नतीजे पेश कर दिए हैं. बैंक को 2,329 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि ब्लूमबर्ग के एनालिस्ट पोल में 411 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान जताया गया था.
बैंक के NII यानी नेट इंटरेस्ट इनकम में 43% की भारी गिरावट देखने को मिली है और ये 5,376 करोड़ रुपये से घटकर 3,048 करोड़ रुपये हो गई है. हालांकि बैंक के चेयरमैन ने उम्मीद जताई है कि आगे स्थिति में सुधार दिखेगा.
इंडसइंड बैंक Q4 FY25 नतीजे (कंसोलिडेटेड, YoY)
2,329 करोड़ रुपये का घाटा (₹411 करोड़ का अनुमान था)
ग्रॉस NPA 2.25% से बढ़कर 3.13%
नेट NPA 0.68% से बढ़कर 0.95%
प्रोविजन 950 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,522 करोड़ रुपये
4,082 करोड़ रुपये के ऑपरेटिंग मुनाफे के मुकाबले 4,909 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग घाटा
NII में 43% की गिरावट, 5,376 करोड़ रुपये से घटकर 3,048 करोड़ रुपये
30 जून तक नए CEO का ऐलान
इंडसइंड बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा कि 'डेरिवेटिव अकाउंटिंग मुद्दे के मद्देनजर बोर्ड ने चौथी तिमाही के नतीजों की समीक्षा की.
सुनील मेहता ने बताया 'RBI ने इंडसइंड बैंक को 30 जून तक नए CEO का नाम देने को कहा है.'
उन्होंने कहा, 'समीक्षा में माइक्रोफाइनेंस यूनिट के NPA की पहचान की गई है. सभी गलतियों के वित्तीय प्रभाव को चौथी तिमाही के नतीजों में शामिल किया गया है. बैंक वित्त वर्ष 26 की शुरुआत साफ-सुथरी स्थिति में करना चाहता है. सभी अकाउंटिंग गलतियों को दूर करने के बाद भी बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है.'
चुनौतियों से जूझ रहा बैंक
इंडसइंड बैंक इन दिनों संकट से जूझ रहा है. बैंक में सामने आई वित्तीय गड़बड़ियों पर वित्त मंत्रालय ने संज्ञान लिया था. मंत्रालय के अधीन काम करने वाला DFS यानी वित्तीय सेवा विभाग बैंक से जुड़ी अकाउंटिंग गड़बड़ियों, गवर्नेंस से जुड़ी चुनौतियों और नेतृत्व से संबंधित गड़बड़ियों का संज्ञान लिया और इस मामले पर RBI के साथ बातचीत भी की.
ये मामला पिछले 5-7 वर्षों में किए गए इंटरनल ट्रेड्स से जुड़ा है. इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी थी कि इस गड़बड़ी से नेटवर्थ पर 2.35% तक असर पड़ सकता है. फिलहाल मामले में जांच जारी है.