RBI Monetary Policy: दो दिन नहीं, अब कुछ ही घंटे में क्लियर होंगे बैंक चेक

केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने RBI MPC में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए ये जानकारी दी.

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केंद्रीय बैंक RBI ने 6 से 8 अगस्त तक चली मॉनिटरी पॉलिसी की मीटिंग के बाद लगातार 9वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा गया है. यानी होम लोन, कार लोन समेत हर तरह के लोन की EMI न बढ़ेगी और न ही कम होगी.

इसके साथ ही कई बड़े फैसले लिए गए. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने देश की वित्तीय स्थिति, GDP ग्रोथ अनुमान और बैंकों की स्थिति समेत कई विषयों पर जानकारी दी. इस दौरान उन्‍होंने UPI और चेक क्‍लीयरेंस से जुड़े 2 बड़े फैसलों की जानकारी दी.

उन्‍होंने कहा,

  • UPI से टैक्स पेमेंट्स की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई

  • चेक क्लीयरिंग का समय घटेगा, जमा होने के कुछ घंटे में ही चेक क्लीयर किया जाएगा

ट्रांजैक्‍शन लिमिट पर RBI ने क्‍या कहा?

केंद्रीय बैंक ने UPI के माध्यम से टैक्‍स पेमेंट के लिए ट्रांजैक्‍शन लिमिट को बढ़ा कर 5 लाख रुपये कर दिया है. वर्तमान में, कुछ कैटगरी के ट्रांजैक्‍शन को छोड़ कर ये लिमिट 1 लाख रुपये है.

RBI गवर्नर ने कहा, 'अब UPI के जरिये टैक्‍स पेमेंट की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्‍शन करने का फैसला लिया गया है. इससे UPI से टैक्‍स पेमेंट को और आसान बनाया जा सकेगा.

चेक पेमेंट में आएगी तेजी

RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने चेक पेमेंट में तेजी लाने के उपायों की भी घोषणा की, जिससे पेमेंट करने वाले और पेमेंट पाने वाले, दोनों को फायदा होगा. उन्‍होंने कहा, 'वर्तमान में, चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के माध्यम से चेक क्लियरिंग, बैच-प्रोसेसिंग मोड में संचालित होता है और इसमें दो कार्य दिवसों (2 Working Days) तक का क्लियरिंग साइकल होता है.

उन्‍होंने कहा, 'CTS में 'ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट' के साथ निरंतर क्लियरिंग शुरू करके क्लियरेंस साइकल को कम करने का प्रस्‍ताव है.' इसका ये मतलब हुआ कि चेक डिपॉजिट किए जाने वाले दिन ही कुछ घंटों के भीतर चेक क्लियर हो जाएगा.

एक बैंक खाते से 2 UPI अकाउंट 

जल्‍द ही एक बैंक खाते से 2-2 UPI अकाउंट चलाया जा सकेगा. यानी आप चाहें तो आपके बैंक अकाउंट के जरिये ही दूसरा व्‍यक्ति UPI का इस्‍तेमाल कर सकेगा. दरअसल, RBI के फैसले के मुताबिक, UPI में 'डेलिगेटेड पेमेंट्स' की सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव है.

  • इसमें कोई व्यक्ति (प्राइमरी यूजर्स) किसी दूसरे व्यक्ति (सेकेंडरी यूजर्स) को अपने बैंक खाते से एक सीमा तक UPI लेनदेन करने की इजाजत देगा.

  • इसमें सेकेंडरी यूजर के लिए UPI से जुड़ा एक अलग बैंक खाता रखने की जरूरत नहीं होगी.

  • इससे डिजिटल पेमेंट की पहुंच उन लोगों तक भी होगी, जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है. ऐसे में इसका इस्तेमाल और बढ़ेगा.

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