केंद्रीय बैंक RBI बैंकों के लिए एक्सक्लूसिव डोमेन bank.in लाने की तैयारी में है. वहीं, फाइनेंशियल संस्थानों के लिए भी बाद में अलग डोमेन fin.in लाया जाएगा.
साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के उद्देश्य से ये फैसला लिया गया है. केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में 5 से 7 फरवरी तक हुई मॉनिटरी पॉलिसी की मीटिंग में ये फैसला लिया गया.
बता दें कि RBI ने करीब 5 साल बाद रेपो रेट में पहली कटौती की है. ब्याज दरों को 6.50 से 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6.25 कर दिया गया है. मॉनिटरी पॉलिसी की मीटिंग में कई फैसले लिए गए, जिनमें से एक फैसला साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के प्रयासों से जुड़ा है.
ऑनलाइन फ्रॉड्स को रोकने के लिए RBI की पहल
बैंकों के लिए एक्सक्लूसिव डोमैन 'bank.in' लाया जाएगा
ग्राहक 'फ्रॉड' और 'वैध' बैंक वेबसाइट में फर्क कर सकेंगे
फर्जी वेबसाइट पर नहीं जाएंगे और फ्रॉड का शिकार नहीं होंगे
'bank.in' डोमेन को अप्रैल 2025 से शुरू किया जाएगा
जैसे किसी XYZ Bank की वेबसाइट होगी www.xyz.bank.in
बाद में व्यापाक वित्तीय सेक्टर के लिए 'fin.in' डोमेन लाएंगे
अप्रैल से शुरू होगा एक्सक्लूसिव डोमेन रजिस्ट्रेशन
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा मॉनिटरी पॉलिसी की मीटिंग में लिए गए फैसलों का ऐलान करते हुए कहा कि फाइनेंशियल सर्विसेज के डिजिटलाइजेशन से साइबर रिस्क भी बढ़ा है. साइबर रिस्क में बढ़ोतरी हमारे लिए और सभी के लिए चिंता का विषय है. इसलिए इसमें सभी स्टेकहोल्डर्स को एक्शन लेना होगा.
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, 'बैंकों को साइबर फ्रॉड पर रिएक्शन और रिकवरी के लिए मजबूत सिस्टम बनाना होगा.' उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए एक्सक्लूसिव डोमेन लाएंगे.
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, 'भारतीय बैंकों के लिए एक्सक्लूसिव bank.in डोमेन लाएंगे. इस डोमेन के जरिए साइबर फ्रॉड को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.' उन्होंने बताया कि इस डोमेन के लिए रजिस्ट्रेशन इस साल अप्रैल से शुरू होगा. उन्होंने बताया कि वित्तीय संस्थानों के लिए बाद में अलग 'fin.in' डोमेन लाया जाएगा.
फ्रॉड से बच पाएंगे आम लोग
लोग अक्सर किसी बैंक को पेमेंट करने या कोई भी बैंकिंग से जुड़ा काम करने के लिए गूगल पर उस बैंक का नाम सर्च करते हैं. वो किसी भी लिंक पर क्लिक करते हैं, ये सोचकर कि ये बैंक की वेबसाइट है. कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि बैंक के नाम से फर्जी वेबसाइट की भरमार है, लोग इन फर्जी वेबसाइट्स का शिकार होते हैं और अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं. अब डोमेन नेम अलग होने से लोगों को ये पता चल सकेगा कि बैंक की वेबसाइट असली है या नकली.