RBI Monetary Policy: रेट कट हैट्रिक से CRR कटौती तक, देखिए पॉलिसी से जुड़ी बड़ी हाइलाइट्स

रिजर्व बैंक गवर्नर ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट कटौती करके इसे 5.5% कर दिया है.

Source: NDTV Profit

RBI Monetary Policy: बहुत दिनों के बाद ऐसी पॉलिसी देखने को मिली, जिसने बाजार, एनालिस्ट्स और अर्थशास्त्रियों को चौंकाकर रख दिया. रिजर्व बैंक लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती करेगा, ये बात बाजार ने पहले ही डिस्काउंट कर ली थी, लेकिन 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अनुमान शायद नहीं लगाया था.

रेपो रेट में 50 bps की कटौती

रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके इसे 5.5% कर दिया है. ये फैसला लाखों होम लोन और ऑटो लोन ग्राहकों के लिए एक सुखद आश्चर्य है. क्योंकि उनकी EMI के बोझ में बड़ी कमी आने की उम्मीद है. इसके पहले फरवरी की पॉलिसी में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी और फिर अप्रैल में भी इतनी ही कटौती की गई थी. यानी तीन पॉलिसीज में रेपो रेट में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती हो चुकी है.

इस कटौती के बाद स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट, जो कि रेपो रेट से 25 बेसिस प्वाइंट कम होता है अब 5.25% है. जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट 5.75% पर है.

CRR में 100 bps की कटौती 

इतना ही नहीं, रिजर्व बैंक ने पॉलिसी के आखिर में एक और धमाका किया, कैश रिजर्व रेश्यो यानी CRR में सीधा 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके इसे 4% से घटाकर 3% कर दिया है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने बताया कि इससे 2.5 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी रिलीज होगी.

रुख फिर से न्यूट्रल किया

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि फरवरी 2025 से पॉलिसी रेपो रेट में कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद, मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने माना है कि ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए आगे मॉनिटरी ढील की गुंजाइश अब सीमित है. नतीजतन, MPC ने अपने रुख को अकोमोडेटिव से न्यूट्रल में बदलने का फैसला किया है. आगे बढ़ते हुए, कमिटी मॉनिटरी पॉलिसी के भविष्य के के लिए आने वाले आर्थिक आंकड़ों और उभरती स्थितियों पर बारीकी से नजर रखेगी, जिसका मकसद विकास को बढ़ावा देने और महंगाई को नियंत्रित करने के बीच संतुलन बनाए रखना है.

महंगाई का अनुमान घटाया

रिजर्व बैंक ने FY26 के लिए CPI महंगाई का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि पिछले छह महीनों में महंगाई में काफी कमी आई है, जो अक्टूबर 2024 में उसकी सीमा रेखा के ऊपर के लक्ष्य से काफी नीचे आ गई है.ताजा आंकड़ा 3.2% जिसमें व्यापक आधार पर नरमी के संकेत हैं. निकट-अवधि और मध्यम अवधि के नजरिए से अब हमें न केवल 4% लक्ष्य के साथ हेडलाइन महंगाई के टिकाऊ रहने का भरोसा है. हमने पहले इस साल के लिए 4% की औसत महंगाई का अनुमान लगाया था, जैसा कि पिछली बैठक में कहा गया था, बल्कि ये भी विश्वास है कि साल के दौरान, ये अब लक्ष्य से कुछ हद तक कम रहने की संभावना है.

GDP ग्रोथ के अनुमानों में बदलाव नहीं

हालांकि RBI ने FY26 के लिए GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.5% पर बरकरार रखा है. रिजर्व बैंक ने चारों तिमाहियों के लिए GDP ग्रोथ के अनुमानों में भी कोई बदलाव नहीं किया है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने इसके पीछे ट्रेड पॉलिकी को लेकर चल रही अनिश्चितता, जियो पॉलिटिकल और मौसम से जुड़े जोखिमों को वजह बताया. Q1 FY26 के लिए, GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% पर बनाए रखा गया था है. Q2, Q3 और Q4 के अनुमानों को भी 6.7%, 6.6% और 6.3% पर बिना बदलाव के रखा गया है. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का कहना है कि औद्योगिक गतिविधियां धीरे-धीरे ठीक हो रही है, हालांकि रफ्तार कुछ हद तक असमान बनी हुई है.

RBI गवर्नर ने कहा कि निजी खपत ओवरऑल डिमांड का मुख्य आधार बनी हुई है. ग्रामीण मांग स्थिर है, जबकि शहरी मांग में सुधार के संकेत दिख रहे हैं. निवेश गतिविधि भी बढ़ रही है.