अपर लेयर NBFC पर RBI मार्च तक फैसला ले सकता है! टाटा संस ने जताई उम्मीद, सभी कर्जों को चुकाया

मामले की जानकारी रखने वालों ने बताया कि टाटा संस ने अपनी सभी कर्जों को चुका दिया है और ग्रुप फाइनेंस कंपनियों को गारंटी कम कर दी है, जो अपर लेयर NBFC के रूप में वर्गीकरण से आजाद होने के लिए एक शर्त है.

Source: Company Website

टाटा ग्रुप (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons Pvt. Ltd.) को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक (RBI) अपर लेयर-नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के तौर पर उसकी मान्यता को खत्म करने के आवेदन पर फैसला मार्च के अंत तक कर लेगी. मामले की खबर रखने वाले लोगों ने ये जानकारी NDTV प्रॉफिट को दी है.

आवेदन पर विचार जारी

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज में बताया कि टाटा संस एक अपर-लेयर NBFC बनी रहेगी. RBI ने कहा कि टाटा संस आवेदन की अभी समीक्षा की जा रही है और रिजर्व बैंक की अपर लेयर NBFC लिस्ट में शामिल करने से उसका रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए उसके आवेदन के परिणाम पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

मामले की जानकारी रखने वालों ने बताया कि टाटा संस ने अपनी सभी कर्जों को चुका दिया है और ग्रुप फाइनेंस कंपनियों को गारंटी कम कर दी है, जो अपर लेयर NBFC के रूप में वर्गीकरण से मुक्त होने के लिए एक शर्त है. इन लोगों ने बताया कि टाटा ग्रुप का मानना ​​है कि मान्यता रद्द करना रिजर्व बैंक और SEBI के दिशानिर्देशों के मुताबिक ही है, उनका मानना ​​है कि आवेदन अभी भी विचाराधीन है और ग्रुप होल्डिंग कंपनी को मार्च के अंत तक इस पर फैसला होने की उम्मीद है.

रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आवेदन क्यों?

ऐसा टाटा संस की ओर से इस साल अपनी कोर इनवेस्टमेंट कंपनी का रजिस्ट्रेशन सरेंडर करने के लिए आवेदन जमा करने के बावजूद है. अब सवाल उठता है कि टाटा संस ने रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आवेदन दिया ही क्यों? पिछले साल, टाटा संस ने कथित तौर पर NBFC-UL के रूप में वर्गीकृत किए जाने के बाद तीन साल के भीतर अनिवार्य लिस्टिंग से बचने के लिए अपनी कोर इनवेस्टमेंट कंपनी के रजिस्ट्रेशन को सरेंडर करने के लिए अपना आवेदन जमा किया था. टाटा संस को पहली बार सितंबर 2022 में NBFC-UL में शामिल किया गया था, जिसका मतलब है कि कंपनी को इस साल सितंबर तक लिस्ट होना होगा.

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सबसे खराब स्थिति में, कंपनी के पास लिस्टिंग समयसीमा को बढ़ाने की मांग का विकल्प खुला होता है, क्योंकि इसमें कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड में फिर से वर्गीकृत करना शामिल होगा जो एक समय लेने वाली प्रक्रिया होती है.

RBI के नियमों के मुताबिक एक बार NBFC को NBFC-अपर लेयर की कैटेगरी में डाल दिया गया तो कम से कम पांच साल तक बढ़ी हुई रेगुलेटरी आवश्यकताओं का पालन करना होगा. भले ही यह बाद के सालों में पैरामीट्रिक मानदंडों को पूरा न करता हो. इन लोगों ने बताया कि समूह बढ़ी हुई रेगुलेटरी आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

बैलेंसशीट से कर्ज घटाया

टाटा संस ने मान्यता रद्द करने के लिए आवेदन करने से पहले मार्च 2024 तक अपनी बैलेंस शीट पर कर्ज को घटाकर जीरो कर दिया है, ग्रुप लिस्टेड कंपनियों ने अपनी बैलेंस शीट भी साफ कर ली है और उनके पास मैनेजेबल कर्ज और स्वस्थ कैश फ्लो है, जिससे पूंजी के लिए टाटा संस पर निर्भरता कम हो गई है.

इन लोगों ने कहा कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) के मजबूत डिविडेंड/बायबैक और सभी लिस्टेड कंपनियों की ओर से कम पूंजी निर्भरता के कारण टाटा संस के लिए कैश फ्लो काफी अच्छा रहा है, जिससे उनके विकास और कैपेक्स के लिए पर्याप्त कैश फ्लो पैदा हुआ है.