प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ-वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (ITU-WTSA 2024) और 8वें इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत का हमेशा एक ही मिशन रहा है- दुनिया को कनेक्ट करना और प्रगति के नए रास्ते खोलना.
एशिया पैसिफिक में पहली बार ITU-WTSA का आयोजन हो रहा है और भारत को मेजबानी का अवसर मिला है. इसमें 190 से अधिक देशों के 3,000 इंडस्ट्री लीडर्स, पॉलिसी मेकर्स और टेक्निकल एक्सपर्ट्स भागीदार हैं. वहीं, इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 400 से ज्यादा प्रदर्शक (Exhibitors), 900 स्टार्टअप और 120 से ज्यादा देश भागीदारी कर रहे हैं.
'स्टैंडर्ड्स और सर्विसेज एक ही मंच पर'
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आयोजन, स्टैंडर्ड्स और सर्विसेज को एक ही मंच पर ले आया है. आज भारत क्वालिटी सर्विस पर बहुत ज्यादा फोकस कर रहा है. हम अपने स्टैंडर्ड्स पर भी विशेष बल दे रहे हैं. ऐसे में वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (WTSA) का अनुभव भारत को एक नई ऊर्जा देने वाला होगा.'
'हमारा मिशन- दुनिया को कनेक्ट करना'
PM मोदी ने कहा, 'भारत दुनिया को कंफ्लिक्ट्स से बाहर निकालकर कनेक्ट करने में ही जुटा है. प्राचीन सिल्क रूट से लेकर आज के टेक्नोलॉजी रूट तक भारत का हमेशा एक ही मिशन रहा है - दुनिया को कनेक्ट करना और प्रगति के नए रास्ते खोलना. ऐसे में WTSA और IMC की ये साझेदारी भी एक प्रेरक और शानदार संदेश है.'
उन्होंने कहा, '21वीं सदी में भारत की मोबाइल और टेलीकॉम यात्रा पूरे विश्व के लिए अध्ययन का विषय है. दुनिया में मोबाइल और टेलीकॉम को एक सुविधा के रूप में देखा गया, लेकिन भारत का मॉडल कुछ अलग रहा है. भारत में हमने टेलीकॉम को सिर्फ कनेक्टिविटी का नहीं, बल्कि इक्विटी और अपॉर्च्यूनिटी का माध्यम बनाया.'
'5G के बाद अब 6G की तैयारी में भारत'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भारत ने पिछले 10 साल में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी से भी 8 गुना अधिक है. 2 साल पहले मोबाइल कांग्रेस में ही हमने 5G लॉन्च किया था, आज भारत का करीब-करीब हर जिला 5G सर्विस से जुड़ चुका है. आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5G मार्केट बन चुका है और अब हम 6G टेक्नोलॉजी पर भी तेजी से काम कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी को डेमाक्रेटाइज यानी इसका लोकतांत्रीकरण किया है. भारत ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए और इन प्लेटफॉर्म्स पर हुए इनोवेशंस से लाखों नए अवसर पैदा हुए. जन धन, आधार और मोबाइल की JAM ट्रिनिटी कितने ही नए इनोवेशन का आधार बनी है. UPI ने कितनी ही नई कंपनियों को नए मौके दिए हैं.'
'कृषि में क्रांति ला रहीं महिलाएं'
PM मोदी ने कहा, 'आज, स्टार्टअप में महिला को-फाउंडर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. भारत में STEM एजुकेशन में अब महिलाओं की हिस्सेदारी 40% से अधिक है. भारत टेक्नोलॉजीनेतृत्व में महिलाओं के लिए अपार अवसर पैदा कर रहा है. सरकार की 'नमो ड्रोन दीदी' पहल ड्रोन के माध्यम से कृषि में क्रांति ला रही है.'
सिंधिया बोले- टेलीकॉम सेंटर है भारत
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'ITU वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली में टेलीकॉम के ग्लोबल फ्रेमवर्क और स्टैंडर्ड को निर्धारित किया जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'ITU-WTSA में अब तक की सबसे अधिक उपस्थिति देखी गई. भारत ने बीते एक दशक में टेक्नोलॉजी में बदलावों की शुरुआत की. हमारा लक्ष्य भारत को टेलीकॉम सेंटर के रूप में प्रदर्शित करना है.'
डिजिटल क्रांति से दुनिया अचंभित: सुनील मित्तल
भारती एयरटेल के फाउंडर और चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा, 'भारत की डिजिटल क्रांति से दुनिया अचंभित है. हम 1993 से भारती का टेलीकॉम स्टोरी का हिस्सा रहे हैं, लेकिन असली शुरुआत साल 2014 से हुई.'
उन्होंने कहा, ' PM मोदी ने महसूस किया कि भारत को अपनी तकनीकी महत्वाकांक्षाओं को हासिल करना है. साल 2016 तक लगभग सभी भारतीय परिवारों के बीच स्मार्टफोन्स मौजूद थे.'
बता दें कि भारत में इस कार्यक्रम की मेजबानी से देश को वैश्विक दूरसंचार एजेंडे को आकार देने और भविष्य की टेक्नोलॉजीस के लिए दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा. PIB के अनुसार, ITU-WTSA का आयोजन हर 4 साल में होता है. ये पहली बार है कि यह आयोजन भारत (एशिया-प्रशांत) में हो रहा है.