तो इस वजह से एयरटेल चीफ सुनील मित्तल अपनी सैलरी में करेंगे पांच करोड़ रुपये की कटौती

भारती एंटरप्राइजेज ने एक कानूनी सहायता सेवा शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत पहली बार मामूली अपराधों में जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

भारती एंटरप्राइजेज के प्रमुख सुनील भारती मित्तल की फाइल फोटो

भारती एंटरप्राइजेज ने एक कानूनी सहायता सेवा शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत पहली बार मामूली अपराधों में जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराई जाएगी। कंपनी के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल इस पहल के तहत अपने वेतन से 5 करोड़ रुपये का योगदान देंगे।

देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल भारती एंटरप्राइजेज की इकाई है। मित्तल ने बताया कि इसमें से आधी राशि यानी 5 करोड़ रुपये का योगदान वह अपने वेतन से करेंगे। वित्त वर्ष 2014-15 में मित्तल को 27.17 करोड़ रुपये का वेतन मिला था।

दिल्ली-एनसीआर और पंजाब से होगी न्याय भारती की शुरुआत
भारती ने 10 करोड़ रुपये के फंड के साथ 'न्याय भारती' नामक इस पहल की शुरुआत की है। इसके तहत जिला अदालत स्तर के विचाराधीन कैदियों की जमानत व मुचलके का भुगतान कर उनकी मदद की जाएगी। भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा, 'हम सबसे पहले न्याय भारती की शुरुआत दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में करेंगे। बाद में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में भी इसे शुरू किया जाएगा। भारती एयरटेल इस परियोजना के लिए कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत हर साल 10 करोड़ रुपये का योगदान करेगी।'

मामूली अपराध में बंद कैदियों की ही मदद
यह पहल एक अप्रैल, 2016 से शुरू की जाएगी। इसके तहत युवा वकीलों को जोड़ा जाएगा, जो विचाराधीन कैदियों का मामला देखेंगे। ऐसे लोगों को जमानत बांड आदि के जरिये कानूनी मदद उपलब्ध कराई जाएगी। मित्तल ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार भारत की 1,387 जेलों में करीब 2,80,000 विचाराधीन कैदी बंद हैं। यह कुल कैदियों की संख्या का 68 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पहली बार मामूली अपराध में जेल में बंद कैदियों की ही मदद की जाएगी।

मित्तल ने कहा कि कई विचाराधीन कैदी तो अपनी सजा की मियाद से भी अधिक समय तक जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि अपने मामले में पटियाला कोर्ट जाने के बाद उनके मन में इस तरह की पहल का विचार आया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर विचाराधीन कैदी जेल में इसलिए बंद रह जाते हैं, क्योंकि उन्हें कानून की जानकारी नहीं होती। वे अपने आजादी के अधिकार को नहीं जानते, जमानत या मुचलके की मामूली राशि नहीं जुटा पाते।

गठित की जाएगी एक जांच समिति
न्याय भारती के तहत निष्पक्ष लोगों की एक जांच समिति गठित की जाएगी, जो यह तय करेगी कि कौन से मामले में मदद करनी है। इस पहल को भारती एंटरप्राइजेज की परमार्थ इकाई भारती फाउंडेशन के तहत संचालित किया जाएगा। इसका अलग संचालन बोर्ड होगा। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद संचालन बोर्ड के चेयरमैन होंगे। 12 सदस्यीय बोर्ड के अन्य सदस्यों में पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश एन साल्वे और वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रह चुके संजय बारू, मित्तल और उनके भाई राकेश भारती मित्तल होंगे।

लेखक Reported by Bhasha
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