जीएसटी संबंधी मतभेद सुलझाने पर केंद्र, राज्य आगे बढ़े

केंद्र और राज्यों ने सभी अप्रत्यक्ष कर का स्थान लेने के लिए काफी समय से लंबित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पर आम सहमति बनाने में बाधक बने मुद्दों के समाधान में 'कुछ प्रगति' हासिल की।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की फाइल तस्वीर

केंद्र और राज्यों ने सभी अप्रत्यक्ष कर का स्थान लेने के लिए काफी समय से लंबित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पर आम सहमति बनाने में बाधक बने मुद्दों के समाधान में 'कुछ प्रगति' हासिल की।

यह प्रगति तब हुई, जब राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष एआर राठेर की केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ शाम को बैठक हुई।

दिन में तीन दौर की चर्चा के बाद केंद्र ने इस विधेयक का विरोध कर रहे राज्यों से मेल-मिलाप की पेशकश की, क्योंकि राज्य नहीं चाहते कि पेट्रोलियम उत्पाद और प्रवेश कर जीएसटी व्यवस्था का हिस्सा हों।

सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने कहा कि राज्यों को होने वाले सभी संभावित राजस्व नुकसान की भरपाई की जाएगी, वह भी उस रूप में, जिस रूप में वे चाहेंगे। सूत्रों ने कहा कि राज्यों ने कहा है कि वे केंद्र के इस प्रस्ताव पर जल्द ही जवाब देंगे।

राठेर ने दिन भर चली शृंखलाबद्ध बैठकों के बाद संवाददाताओं से कहा, हमने कुछ प्रगति की है। हम फिर केंद्रीय वित्त मंत्री से एक सप्ताह में मुलाकात करेंगे। वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने भी कहा कि 'बहुत अच्छी प्रगति' हुई है। प्रगति की विस्तृत जानकारी हासिल नहीं हो पाई। केंद्र जीएसटी व्यवस्था 1 अप्रैल, 2016 से लागू करना चाहता है, जो पिछले छह-सात सालों से लंबित है।

लेखक NDTV Profit Desk
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