कर नियमों में संशोधन और घाटा कम करने के उपाय का संकेत

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने सोमवार को कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने सोमवार को कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी।

चिदम्बरम ने वित्त मंत्रालय का प्रभार सम्भालने के बाद पहली बार संवाददाताओं से मुखातिब होते हुए कहा, "विभिन्न पक्षों की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरने के लिए हमें नीतियों में संशोधन करना होगा।"

चिदम्बरम ने निवेश में तेजी लाकर विकास में तेजी लाने की एक योजना को सामने रखा। उन्होंने कहा, "विकास में तेजी लाने के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से अधिक निवेश हासिल करना होगा। चूंकि निवेश भरोसा होने पर किया जाता है, हमें निवेशकों के मन से किसी भी चिंता या अविश्वास को समाप्त करना होगा।" उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।"

चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा।

चिदम्बरम ने सामान्य कर परिवर्जन रोधी (गार) नियमों और कराधान के नियमों में पिछले समय से लागू होने वाले बदलावों जैसे मामलों में भी संशोधन का संकेत दिया।

चिदम्बरम ने कहा कि सरकार जल्द ही खर्चे पर लगाम लगाने और वित्तीय घाटा कम करने के उपाय पेश करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि काम कुछ ही सप्ताह में समाप्त हो जाएगा।"

महंगाई के बारे में चिदम्बरम ने कहा कि सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के साथ महंगाई का दबाव कम करने के लिए काम करेगी।

दिन के पूर्वार्द्ध में रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने चिवदम्बरम से मुलाकात की। दोनों ने आर्थिक स्थितियों पर चर्चा की।
मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत उच्च विकास दर फिर से हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि देश के सामने 1991, 1997 और 2008 में भी ऐसी ही स्थिति थी और देश ने उसका सफलतापूर्वक मुकाबला किया।

चिदम्बरम ने कहा, "आज आमतौर पर यह माना जाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है। पिछले आठ वर्षो में से दो सालों में धीमा विकास होने से हमारा विश्वास कमजोर नहीं हो सकता है।"

चिदम्बरम ने सोमवार को कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। उन्होंने कहा, "समिति (आधारभूत संरचना के) हर क्षेत्र को प्रभावित करने वाले मुद्दों की जांच करेगी और फैसले लेगी, जिससे उस क्षेत्र में व्यापक विकास होगा।"

चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना होगा।"

लेखक NDTV Profit Desk
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