भारत में ई-कॉमर्स की तेज ग्रोथ 'चिंता का विषय, बोले पीयूष गोयल, कहा- गर्व करने की बात नहीं; अमेजॉन को सुनाई खरी-खरी

पीयूष गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स छोटे रिटेलर्स का ऊंचे मार्जिन-ऊंचे वैल्यू वाले प्रोडक्ट्स को खा रहा है. ये वही प्रोडक्ट्स हैं, जिनसे छोटे दुकादारों की रोजी-रोटी चलती है.

Source: ANI

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स पर अपनी चिंता जाहिर की है. एक इवेंट में 'Net Impact of E-Commerce on Employment and Consumer Welfare in India' रिपोर्ट को लॉन्च करने के मौके पर उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स की तरक्की से समाज में उथल-पुथल की स्थिति पैदा हुई है जो कि एक चिंता की बात है.

ई-कॉमर्स की तेजी पर पीयूष गोयल चिंतित क्यों?

उन्होंने अर्न्स्ट एंड यंग (E&Y) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2019 ई-कॉमर्स की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 4.7% थी और साल 2022 में ये बढ़कर 7.8% हो गई, और अनुमान है कि 2024 में ये 10.7% हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर इस हिसाब से चलें तो हर चार साल में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री दोगुनी हो जाएगी.

पीयूष गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स छोटे रिटेलर्स का ऊंचे मार्जिन-ऊंचे वैल्यू वाले प्रोडक्ट्स को खा रहा है. ये वही प्रोडक्ट्स हैं, जिनसे छोटे दुकादारों की रोजी-रोटी चलती है. उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स में ये बेतहाशा तेजी कोई गर्व की बात नहीं है, मैं इसे गर्व की बात नहीं मानता कि आज से 10 साल बाद हमारा आधा बाजार ई-कॉमर्स नेटवर्क का हिस्सा बन जाएगा, यह चिंता का विषय है.

पीयूष गोयल ने बताया कि हमने ई-कॉमर्स की तेजी के परिणाम पश्चिमी देशों में देखे हैं. यूरोप और अमेरिका ने इसके नतीजों को देखा है, आखिर क्यों स्विट्जरलैंड ने ई-कॉमर्स को अपने देश में आने से रोका था, अब वो हैं तो बहुत सीमित हैं. हालांकि वाणिज्य मंत्री ने ये साफ किया कि वो ये नही चाहते हैं कि ई-कॉमर्स इंडस्ट्री को खत्म हो जाना चाहिए, वो यहीं रहेगा, लेकिन इंडस्ट्री की भूमिका को व्यवस्थित तरीके से आकार देने की जरूरत है.

दोस्ती कॉफी शॉप में बनती है: पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने एक विज्ञापन की लाइन दोहराते हुए कहा कि हर एक फ्रेंड जरूरी होता है, स्विगी और जोमैटो से ऑर्डर करके फ्रेंडशिप नहीं बनती है, वो तो कॉफी शॉप में जाकर बनती है. उन्होंने कहा कि वो इस बात से इनकार नहीं करते हैं कि ई-कॉमर्स का रोल है,लेकिन हमें सतर्क होकर ये सोचना होगा कि वो रोल क्या है, ये रोल और ऑर्गनाइज्ड तरीके से कैसे हो सकता है.

अमेजॉन को पीयूष गोयल की खरी-खरी

उन्होंने कहा कि हमें सोचना होगा कि क्या ई-कॉमर्स में चल रही प्रीडेटरी प्राइसिंग देश के लिए ठीक है. जब अमेजॉन ये कहता है कि वो भारत में बिलियन डॉलर्स का निवेश करेगा और हम उसका जश्न मनाने लगते हैं, लेकिन इस बीच हम इसके अंदर की बात भूल जाते हैं कि ये निवेश कोई महान सेवा करने के लिए या फिर भारत में निवेश करके इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए नहीं है.

जब अमेजॉन ये कहता है कि वो भारत में बिलियन डॉलर्स का निवेश करेगा और हम उसे सेलेब्रेट करने लगते हैं, लेकिन हम इसके अंदर की कहानी भूल जाते हैं कि ये निवेश कोई महान सेवा करने के लिए या फिर भारत की इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए नहीं है.

पीयूष गोयल ने कहा कि अमेजॉन ने किसी साल अपनी बैलेंस शीट में बिलियन डॉलर का नुकसान उठाया है, वो उसकी भरपाई करना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने हजारों करोड़ रुपये प्रोफेशनल्स को दिए हैं, मुझे नहीं पता कि वो प्रोफेशनल्स कौन हैं. उन्होंने कहा कि अमेजॉन चाहते सारे वकीलों को मोटा पैसा देकर अपनी तरफ कर ले, ताकि कोई भी उसके खिलाफ केस न लड़ पाए.

पीयूष गोयल ने कहा कि अगर अमेजॉन एक साल में 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाता है तो क्या इसमें प्रीडेटरी प्राइसिंग नहीं है. ये नुकसान कहां से आया, आखिरकार ये ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म ही तो हैं, ये B2C बिजनेस तो कर नहीं सकते, क्या हमारे लिए ये चिंता की बात नहीं होनी चाहिए.