फ्यूचर रिटेल के एसेट्स बेचे जाएंगे; NCLT मुंबई ने दिया लिक्विडेशन का आदेश

फ्यूचर रिटेल ग्रुप पर ब्याज जोड़कर करीब ₹30,000 करोड़ बकाया है. अगस्त 2020 में रिलायंस रिटेल ने ₹24,713 फ्यूचर रिटेल को खरीदने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बैंकों के कंसोर्टियम ने खारिज कर दिया था.

प्रतीकात्मक फोटो

सोमवार को NCLT मुंबई ने फ्यूचर रिटेल के लिक्विडेशन का ऑर्डर दे दिया है. किशोर बियानी के नेतृत्व वाली फ्यूचर रिटेल से जुड़ा ये आदेश लंबी दिवालिया प्रक्रिया चलने के बाद आया है. अब कर्ज चुकाने के लिए कंपनी के एसेट्स बेचे जाएंगे.

फ्यूचर रिटेल ग्रुप पर ब्याज जोड़कर करीब ₹30,000 करोड़ रुपये बकाया है. अगस्त 2020 में रिलायंस रिटेल ने ₹24,713 करोड़ रुपये फ्यूचर रिटेल को खरीदने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बैंकों के कंसोर्टियम ने खारिज कर दिया था.

बता दें बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में क्रेडिटर्स ने अप्रैल 2022 में इंसॉल्वेंसी के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी. रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल विजय कुमार अय्यर ने 26 अक्टूबर 2023 को कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स द्वारा पास किए गए रिजॉल्यूशन प्लान के आधार पर लिक्विडेशन पर आगे बढ़ने का फैसला किया था.

दिवालिया प्रक्रिया: कब क्या हुआ?

इससे पहले कंपनी ने रिजॉल्यूशन प्लान में दिलचस्पी रखने वाले पक्षों से 'एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट' मंगाया था. शुरुआत में 13 आवेदक आए थे. डेडलाइन बढ़ाने के बावजूद फरवरी 2023 के अंत तक कोई संतोषजनक रिजॉल्यूशन प्लान सब्मिट नहीं हो सका था.

एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के दूसरे राउंड में 49 सब्मिशन आए. 6 रिजॉल्यूशन प्लान मिले, लेकिन में से सिर्फ 3 को ही काम का माना गया. लेकिन किसी भी एक प्लान को जरूरी वोट नहीं मिले और कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने कंपनी को लिक्विडेट करने का फैसला किया.

26 अक्टूबर 2023 को हुई बैठक में लिक्विडेशन प्रोसेस को अप्रूव कर दिया गया. 9 नवंबर 2023 को हुई एक मीटिंग में संजय गुप्ता को लिक्विडेटर के तौर पर प्रस्तावित किया गया, जिन्होंने 13 दिसंबर 2023 को अपनी रजामंदी दे दी थी.

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