दिल्ली : प्रॉपर्टी के सर्किल रेट में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी

दिल्ली में एक बार फिर से प्रॉपर्टी के सर्किल रेट सरकार ने बढ़ा दिए हैं। सर्किल रेट बढ़ाने से संबंधित फाइनेंस डिपोर्टमेंट के प्रस्ताव को उपराज्यपाल नजीब जंग ने अपनी मंजूरी दे दी है। इसके तहत सभी कैटेगिरी में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी को उपराज्यपाल नजीब जंग ने मंजूरी दी है।

दिल्ली में एक बार फिर से प्रॉपर्टी के सर्किल रेट सरकार ने बढ़ा दिए हैं। सर्किल रेट बढ़ाने से संबंधित फाइनेंस डिपोर्टमेंट के प्रस्ताव को उपराज्यपाल नजीब जंग ने अपनी मंजूरी दे दी है। इसके तहत सभी कैटेगिरी में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी को उपराज्यपाल नजीब जंग ने मंजूरी दी है।

नए रेट्स के मुताबिक, ए कैटेगिरी की कॉलोनियों में सर्किल रेट प्रति वर्ग मीटर 6,45,000 रुपये से बढ़ाकर 7,75,000 रुपये, बी कैटेगिरी में रेट्स 2,04,600 रुपये से बढ़ाकर 2,45,520 रुपये, सी कैटेगिरी में 1,31,040 रुपये से बढ़ाकर 1,59,840 रुपये, डी कैटेगिरी में 1,06,384 से बढ़ाकर रेट्स 1,27,680 रुपये, ई कैटेगिरी के रेट्स 58,316 से बढ़ाकर, 70,070 रुपये, एफ कैटेगिरी में रेट्स 47,141 से बढ़ाकर 56,640 रुपये, जी कैटेगिरी में 67,820 से बढ़ाकर 46,200 और एच कैटेगिरी में प्रति वर्ग मीटर रेट्स 19,361 से बढ़ाकर 23,280 कर दिए गए हैं।

कैटेगिरी वाईज कॉलोनियों की बात की जाएं तो ए कैटेगिरी में गोल्फ लिंक, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी, वसंत विहार, और राजेंद्र नगर जैसे पॉर्श इलाके हैं। वहीं बी कैटेगिरी में डिफेंस कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश, पंचशील पार्क और हौज़ खांस जैसे इलाके हैं। सी कैटेगिरी में अलकनंदा, लाजपत नगर मालवीय नगर और वसंत कुंज जैसे इलाके हैं। डी कैटेगीरी में आईपी एक्सटेंशन, द्वारका, जनकपुरी और राजौरी गॉर्डन जैसे इलाके हैं। ई कैटेगिरी में चांदनी चौक, जामा मस्जिद मोती नगर और रोहिणी जैसे इलाके हैं। एफ कैटेगिरी में आनंद पर्बत, हरि नगर, नंद नगरी और उत्तन नगर जैसे इलाके हैं। जी कैटेगिरी में अंबेडकर नगर, टैगौर गॉर्डन, दक्षिणपुरी और विवेक विहार और सबसे अंत में एच कैटेगिरी में सुल्तान पुर माजरा, जहांगीर पुरी और इंद्रपुरी जैसे इलाके हैं।

वैसे वित्त विभाग ने सर्किल रेट्स में 20 से 60 फीसदी तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव उपराज्यपाल को दिया था, लेकिन एलजी ने 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी को मंजूरी है। बाजार की मौजूदा कीमतों की बात करें तो यह राजधानी में इस वक्त जो सर्किल रेट है व प्रॉपर्टी बाजार की दरों बहुत कम हैं। प्रापर्टी की बाजार दरों व सर्किल रेट के बीच अभी 200 फीसदी से भी ज्यादा का गैप बना हुआ था। हालांकि सर्किल रेट बढ़ाने के पीछे जो तर्क दिया जा रहा है, वह प्रापर्टी खरीद में कालेधन के प्रयोग को नियंत्रित करने की बात कही जा रही।

लेखक NDTV Profit Desk
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