नोटबंदी : भारत सरकार के फैसले का असर अब तक जारी है- पेप्सिको की इंदिरा नूई

पेप्सिको की भारतीय मूल की सीईओ इंदिरा नूई ने कहा है कि वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में भारत में कंपनी का कारोबार विशेष तौर पर प्रभावित हुआ है और इसका असर अभी भी बना हुआ है.

नोटबंदी के दीर्घकालीन प्रभाव...

पेप्सिको की भारतीय मूल की सीईओ इंदिरा नूई ने कहा है कि वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में भारत में कंपनी का कारोबार विशेष तौर पर प्रभावित हुआ है और इसका असर अभी भी बना हुआ है. वहीं नोटों की उपलब्धता को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा- भारतीय रिजर्व बैंक के नोट छपाई कारखानों में मुद्रा की कोई कमी नहीं, भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) ने नोटबंदी के बाद कुछ हफ्तों में ही सामान्य स्थिति सुनिश्चित की है.

दिसंबर 2016 में खत्म हुई अंतिम तिमाही में प्राप्त मुनाफे के बारे में नूई ने कहा, नोटबंदी से लगभग पूरा उद्योग जगत, खासकर डिब्बाबंद उपभोक्ता सामान वाला क्षेत्र प्रभावित हुआ है. इससे खुदरा व्यापारी भी प्रभावित हुए हैं. अंतिम तिमाही में नोटबंदी का भारत में पेप्सी के कारोबार पर भी असर पड़ा है. उनसे पूछा गया था कि नोटबंदी का पेप्सी के शीतल पेय और स्नेक्स के कारोबार पर क्या असर पड़ा है, इस पर नूई ने कहा कि भारत सरकार के इस फैसले का प्रभाव अब तक जारी है. उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अभी भी निश्चित नहीं हैं कि संकट का दौर खत्म हो चुका है या नहीं.

उन्होंने कहा कि नीति के क्रियान्वयन की अपनी चुनौतियां होती हैं, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल जून में खत्म होने वाली दूसरी तिमाही तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा.

पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था जो वर्ष 2015 में इसी दौरान प्राप्त 18.58 अरब डॉलर से पांच फीसदी अधिक है, हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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