भारत और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को नई दिल्ली में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर औपचारिक बातचीत शुरू की. ये बैठक ऐसे समय में हो रही है जब ट्रंप प्रशासन की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ (reciprocal tariffs) को लेकर चिंता बनी हुई है.
3 दिन तक चलने वाली इस वार्ता में व्यापार समझौते की रूपरेखा, बातचीत का शेड्यूल और संदर्भ शर्तों पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा, दोनों देश उन प्रोडक्ट्स और सेक्टर्स की सूची का आदान-प्रदान भी करेंगे, जिन पर टैरिफ रीव्यू की जरूरत है.
ये पहली औपचारिक बैठक है, हालांकि इससे पहले भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इसी महीने अमेरिका की अनौपचारिक यात्रा कर चुके हैं.
अमेरिकी टीम भारत दौरे पर
अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक अमेरिकी टीम 25 से 29 मार्च तक भारत दौरे पर है. अमेरिकी दूतावास के अनुसार, ये दौरा चल रही द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं का हिस्सा है. इस दौरान वे वाणिज्य मंत्रालय के नाफ्टा (NAFTA) डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे. इस डिवीजन का नेतृत्व वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल कर रहे हैं.
सितंबर तक पहले चरण का समझौता संभावित
द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पहले चरण को इस साल सितंबर तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. इसमें मुख्य रूप से टैरिफ में कटौती से जुड़े मुद्दों को शामिल किया जाएगा, जबकि वीजा और तकनीकी हस्तांतरण जैसे विषयों पर चर्चा समझौते के दूसरे चरण में की जा सकती है.
अमेरिकी अधिकारी लिंच की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब 2 अप्रैल की डेडलाइन नजदीक है, जिसे अमेरिका ने कई बार टैरिफ प्रतिबंधों के लिए एक चेतावनी के रूप में इस्तेमाल किया है. अमेरिका भारत से कई अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ घटाने की मांग कर रहा है.
व्यापार को $500 बिलियन तक बढ़ाने का लक्ष्य
BTA के तहत दोनों देश 2030 तक अपने व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने पर सहमत हुए हैं. इसके तहत अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में अधिक पहुंच मिलेगी और दोनों देशों के बीच टैरिफ में रियायतें दी जाएंगी.
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने कहा है कि भारत को अपने कृषि बाजार को और अधिक खोलना चाहिए. भारत अब तक इस क्षेत्र में संरक्षणवादी नीति अपनाता रहा है, क्योंकि ये एक बड़ी एग्री इकोनॉमी यानी कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है.
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को लेकर अपना रुख सख्त बनाए रखा है. उन्होंने कहा कि भारत व्यापारिक रुकावटों को कम करने के लिए टैरिफ में और कटौती करने को तैयार है, लेकिन ये कदम ट्रंप द्वारा लगातार दबाव बनाने के बाद आया है.