केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 4 से 6 मार्च तक अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन DC का दौरा कर रहे हैं. सोमवार को वो भारत से रवाना हुए. ये उनकी पहली आधिकारिक यात्रा होगी, जिसमें वे नए ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे.
इस दौरान ईयर-एंड ट्रेड डील पर चर्चा हो सकती है, जबकि नए टैरिफ लागू होने की समय सीमा भी नजदीक है. इस विजिट के नतीजे भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर बड़ा असर डाल सकते हैं.
किन मुद्दों पर होगी बातचीत?
पीयूष गोयल इस दौरे के दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रेयर और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक से मुलाकात करेंगे. वार्ता के दौरान भारत की प्राथमिकता, बाहरी टैरिफ को कम करना और द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को आगे बढ़ाना रहेगा.
परस्पर टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) की सीमा और व्यापारिक संतुलन पर चर्चा हो सकती है.
भारत बदले की कार्रवाई (रिटालिएटरी टैरिफ) पर आक्रामक रुख नहीं अपनाएगा.
भारत औद्योगिक उत्पादों पर टैरिफ हटाने का प्रस्ताव दे सकता है.
नए टैरिफ और भारत के लिए चिंता
अमेरिका ने पहले ही चीन, कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ लगा दिए हैं, लेकिन अभी तक भारत इससे बचा हुआ है. हालांकि, 2 अप्रैल से अमेरिका भारत पर भी टैरिफ लागू करने की योजना बना रहा है. इसलिए गोयल की ये यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की हाल ही में हुई मुलाकात के बाद द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर सहमति बनी थी. इस समझौते का लक्ष्य 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को दोगुना कर $500 बिलियन तक पहुंचाना है. इसमें कई चीजें शामिल हैं-
दोनों देशों के उत्पादों और सेवाओं के लिए बाजार पहुंच बढ़ाना
टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं को कम करना
सप्लाई चेन को मजबूत करना और व्यापार में पारदर्शिता बढ़ाना
दोनों देशों के बीच BTA के पहले चरण की वार्ता पूरी करने की योजना है. दोनों देशों जल्द ही वरिष्ठ वार्ताकार नियुक्त करने वाले हैं. पिछले महीने NDTV प्रॉफिट कॉन्क्लेव में गोयल ने कहा था कि भारत और अमेरिका व्यापार को सुगम बनाने के लिए आपसी रियायतें और टैरिफ में कटौती पर काम कर रहे हैं. इस यात्रा के नतीजे भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर बड़ा असर डाल सकते हैं.