कमजोर मांग और पर्याप्त स्टॉक के कारण चुनिंदा खाद्य तेल कीमतों में गिरावट

उत्पादक क्षेत्रों से अधिक आपूर्ति के कारण बाजार में पर्याप्त स्टॉक जमा होने के मुकाबले फुटकर विक्रेताओं और वनस्पति मिलों की कमजोर मांग के कारण राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली के थोक तेल एवं तिलहन बाजार में बीते सप्ताह चुनिंदा खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आई.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

उत्पादक क्षेत्रों से अधिक आपूर्ति के कारण बाजार में पर्याप्त स्टॉक जमा होने के मुकाबले फुटकर विक्रेताओं और वनस्पति मिलों की कमजोर मांग के कारण राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली के थोक तेल एवं तिलहन बाजार में बीते सप्ताह चुनिंदा खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आई. उपभोक्ता उद्योगों का उठान घटने के कारण भी अखाद्य तेल खंड में भी कुछ तेलों की कीमतों में गिरावट आई.

बाजार सूत्रों ने कहा कि फुटकर विक्रेताओं और वनस्पति मिलों की मांग घटने के अलावा उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति बढ़ने से पर्याप्त स्टॉक जमा होने से मुख्यत: खाद्य तेल कीमतों पर दबाव रहा. डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी आने की वजह से आयात सस्ता होने से भी कीमतों पर दबाव रहा. विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया दो वर्ष के नए उच्चस्तर 63.58 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

राष्ट्रीय राजधानी में मूंगफली मिल डिलीवरी (गुजरात) तेल की कीमत 200 रुपये की गिरावट के साथ 8,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गई. मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड की कीमत भी घटकर 1,600 .. 1,700 रुपये प्रति टिन रह गई जो कीमत पहले 1,700 .. 1,800 रुपये प्रति टिन पर बंद हुई थी.

तिल मिल डिलीवरी तेल की कीमत 200 रुपये की गिरावट के साथ 7,800 रुपये प्रति क्विन्टल रह गई जबकि बिनौला मिल डिलीवरी (हरियाणा) और सरसों एक्सपेलर (दादरी) तेल की कीमत 50...50 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,350 रुपये और 7,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गई.

पामोलीन (आरबीडी) और पामोलीन (कांडला) तेलों की कीमतें भी 50...50 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 5,250 रुपये और 5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गई. अखाद्य तेल खंड में पेन्ट उद्योगों की सुस्त मांग के कारण अलसी तेल की कीमत 100 रुपये की गिरावट के साथ 8,800 रुपये प्रति क्विन्टल रह गई. कमजोर औद्योगिक उठान के कारण अरंडी तेल की कीमत 50 रुपये की गिरावट के साथ 8,950...9,050 रुपये प्रति क्विन्टल रह गई.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक NDTV Profit Desk
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