वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जाने के बाद 5 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी गैर-जमानती अपराध बन जाएगी और पुलिस आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार कर सकेगी. केंद्रीय जीएसटी कानून के मुताबिक, यदि टैक्स योग्य वस्तु या टैक्स योग्य सेवाएं, जिनमें टैक्स चोरी की रकम 5 करोड़ रुपये को पार कर जाती है, तो यह संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध होगा.
जीएसटी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) के जवाब में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने कहा कि इस कानून के तहत अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय है. सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिए 1 जुलाई का लक्ष्य तय किया है. जीएसटी लागू होने से केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्य वर्धित कर और अन्य स्थानीय चुंगियां एक ही टैक्स में शामिल हो जाएंगी.
एफएक्यू के मुताबिक, संज्ञेय अपराध गंभीर श्रेणी के ऐसे अपराधों में शामिल हैं, जिसमें किसी पुलिस अधिकारी को आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने की शक्ति होती है. ऐसे मामलों में पुलिस किसी अदालत की अनुमति के साथ या अनुमति के बगैर जांच शुरू कर सकती है. केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 223 पन्नों में एफएक्यू के जवाब दिए हैं.
(इनपुट भाषा से)