क्या नई GST दरें पहले के वैट से अधिक हैं? जनाब! आप भी दूर कर लीजिए ये 7 भ्रांतियां

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी के बारे में चल रहे मिथकों को बारी-बारी से स्पष्ट किया. ट्वीट करके कहा कृपया इन पर गौर करें.

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी से जुड़ी भ्रांंतियों को दूर करने का प्रयास किया...

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था को लागू हुए दो दिन हो चुके हैं. इस दौरान इस नई व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही कुछ भ्रांतियों को राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने तुरंत दूर करने का प्रयास किया. उन्होंने भ्रांतियां दूर करने के लिए सोशल मीडिया का ही सहारा लिया. अधिया ने ट्वीट किया, "जीएसटी के बारे में सात मिथक चल रहे हैं, जो सही नहीं हैं. मैं उन्हें बारी-बारी से बताना चाहता हूं कि मिथ क्या है और वास्तविकता क्या है. कृपया इन पर गौर करें."

अधिया ने लोगों को अफवाहों के चक्कर में न पड़ने के लिए चेताया और कई सारे ट्वीट में कहा कि जीएसटी का क्रियान्वयन और अनुपालन पारदर्शी होगा. एक भ्रातिं यह फैलाई गई कि व्यक्ति बिजली, पानी जैसी सेवाओं के बिलों का भुगतान क्रेडिट कार्ड के जरिये कर रहा है तो वह दो बार जीएसटी का भुगतान कर रहा है. अधिया ने इसे पूरी तरह से गलत
करार दिया है. 
 

मिथ 1 : मुझे सभी इनवायस कंप्यूटर/इंटरनेट पर ही निकालने होंगे.
मिथ 2 : जीएसटी के तहत कारोबार करने के लिए मुझे पूरे समय इंटरनेट की जरूरत होगी.
मिथ 3: मेरे पास प्रोविजनल आईडी है, लेकिन कारोबार करने के लिए अंतिम आईडी का इंतजार कर रहा हूं.
मिथ 4: मेरे कारोबार से संबंधित वस्तुएं पहले कर मुक्त थीं, इसलिए मुझे अब कारोबार शुरू करने से पहले तत्काल नए पंजीकरण की जरूरत होगी.
मिथ 5 : हर महीने तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे.
मिथ 6: छोटे कारोबारियों को भी रिटर्न में इनवॉइस वार विवरण दाखिल करने होंगे.
मिथ 7: नई जीएसटी दरें पहले के वैट से अधिक हैं.
(इनपुट आईएएनएस से भी) 
लेखक NDTVKhabar News Desk
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