भारत में हवाईयात्रियों की संख्या में दूसरी सबसे तेज बढ़ोत्तरी का अनुमान

आने वाले दो दशक में भारत में हवाईयात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ने का अनुमान है और इस मामले में वह दुनिया में दूसरे स्थान पर होगा. अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन परिषद (एसीआई) के मुताबिक 2017-40 के बीच हवाईयात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे तेजी से बढ़ता देश होगा. एसीआई दुनियाभर के हवाईअड्डों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक वैश्विक व्यापार इकाई है. उसने वियतनाम को शीर्ष स्थान दिया है और वहां पर वृद्धि की दर 8.5% रहने का अनुमान जताया है.

एयर इंडिया.

आने वाले दो दशक में भारत में हवाईयात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ने का अनुमान है और इस मामले में वह दुनिया में दूसरे स्थान पर होगा. अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन परिषद (एसीआई) के मुताबिक 2017-40 के बीच हवाईयात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे तेजी से बढ़ता देश होगा. एसीआई दुनियाभर के हवाईअड्डों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक वैश्विक व्यापार इकाई है. उसने वियतनाम को शीर्ष स्थान दिया है और वहां पर वृद्धि की दर 8.5% रहने का अनुमान जताया है.

इसके बाद 7.5% वृद्धि के अनुमान के साथ भारत दूसरे और 7.3% के साथ ईरान तीसरे स्थान पर है. इस अनुमान सूची में पड़ोसी मुल्क चीन को आठवां स्थान दिया गया है जहां यात्रियों की संख्या में वृद्धि का अनुमान 5.9% है.

एसीआई के अनुमान के मुताबिक उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 2022 तक हवाईयात्रियों की संख्या 5.4 अरब हो सकती है जो विकसित अर्थव्यवस्थाओं की 5.3 अरब संख्या से अधिक होगी. वहीं 2040 तक अंतरराष्ट्रीय हवाईयात्रियों की संख्या लगभग घरेलू यात्रियों की संख्या के समान हो जाएगी. इसका मतलब ज्यादा से ज्यादा लोग विदेशों की यात्रा करेंगे.

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में यात्रियों की संख्या में वृद्धि 2017-40 के बीच अच्छी रहेगी और इसके 38.8% रहने का अनुमान है. वहीं यूरोप में यह 26% और उत्तरी अमेरिका में 8.4% रहने का अनुमान है.

इससे पहले अपनी रपट में एसीआई ने भारत को सबसे बड़े विमानन बाजारों में से एक बताया था और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को दुनिया के बीस सबसे व्यस्त हवाईअड्डों में 16वां स्थान दिया था. इसके अलावा भारत के कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई को भी तेजी से बढ़ते हवाईअड्डों में शुमार किया था.

लेखक Bhasha