इनकम टैक्‍स जस का तस, एक करोड़ से अधिक कमाई पर दो फीसदी सरचार्ज

संसद में पेश 2015-16 के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। कंपनी कर में भी अगले वित्त वर्ष के लिये कर-दर में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है, लेकिन एक करोड़ रुपये से अधिक की सालाना कमाई पर सरचार्ज दो प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।

संसद में पेश 2015-16 के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। कंपनी कर में भी अगले वित्त वर्ष के लिये कर-दर में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है, लेकिन एक करोड़ रुपये से अधिक की सालाना कमाई पर सरचार्ज दो प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।

साठ वर्ष से कम आयु के आम आयकर दाता की ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त है। ढाई लाख से तीन लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत, पांच लाख से 10 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगेगा।

साठ वर्ष से लेकर 80 साल के वरिष्ठ नागरिकों की तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त होगी। वहीं 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक वाषिर्क आय कर मुक्त रखी गई है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लोकसभा में पेश आम बजट में एक करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक सालाना कमाई पर आयकर सरचार्ज दो प्रतिशत बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है। एक करोड़ रुपये से अधिक सालाना कमाई करने वाली फर्मों, सहकारी समितियों और स्थानीय प्राधिकरणों पर भी दो प्रतिशत अतिरिक्त अधिभार सहित कुल 12 प्रतिशत की दर से अधिभार लगेगा।

वित्त मंत्री ने कंपनियों पर भी आयकर अधिभार में दो प्रतिशत वृद्धि की है। एक करोड़ से 10 करोड़ रुपये की सालाना आय के दायरे में आने वाली कंपनियों पर सरचार्ज बढ़ाकर सात प्रतिशत और 10 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वाली कंपनियों पर अब 12 प्रतिशत की दर से सरचार्ज देना होगा।  हालांकि, वित्त मंत्री ने विदेशी कंपनियों के मामले में अधिभार में कोई वृद्धि नहीं की है।

विदेशी कंपनियों को एक करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तक की कमाई पर दो प्रतिशत और दस करोड़ रुपये से अधिक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से सरचार्ज देना होगा। कंपनियों के लाभांश वितरण और शेयरों की वापस खरीद पर किए जाने वाले भुगतान पर कंपनियों को मौजूदा 10 प्रतिशत के बजाय अब 12 प्रतिशत की दर से सरचार्ज देना होगा।

म्यूचुअल फंड और प्रतिभूतिकरण ट्रस्टों को भी आय के वितरण पर 12 प्रतिशत की दर से सरचार्ज देना होगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि सार्वभौमिक गुणवत्ता पर आधारित शिक्षा उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिये दो प्रतिशत की दर से शिक्षा उपकर और ‘हाई स्कूल तथा उच्च शिक्षा उपकर के तौर पर एक प्रतिशत का अतिरिक्त उपकर अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहेगा।

लेखक NDTV Profit Desk
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