जर्मनी से कई गुना बेहतर है भारत का डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर

भारत में डिजिटल लेन-देन भी नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार- मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारत में अब तक 566 लाख करोड़ रुपए का डिजिटल लेन-देन हुआ है. जुलाई में छह अरब यूपीआई लेन-देन हुआ जो अब तक सर्वाधिक है.

जर्मनी में सरकार की ओर से लोगों के बैंक अकाउंट में पैसा भेजने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहां की सरकार एक तरह से लोगों के बैंक खातों में सीधा पैसा भेजना यानी डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर करने में असमर्थ है, क्योंकि बैंक खातों और टैक्स पहचान को जोड़ने में डेढ़ साल लगता है. जर्मनी के वित्त मंत्री के अनुसार-जिन खातों को जोड़ा जा चुका है, उनमें भी पैसा भेजने में दिक्कत है, क्योंकि एक दिन में एक लाख खातों में ही पैसा भेजा जा सकता है.

इसकी तुलना अगर भारत के डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी से करें तो यहां की व्यवस्था जर्मनी से लाखों कदम आगे है. भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था ने बड़ी छलांग लगाई है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारत में विभिन्न खाताधारकों को 2,13,893 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं. 53 मंत्रालयों में 318 योजनाओं के तहत 209 करोड़ लेन देन हुए है. भारत सरकार के मुताबिक- डीबीटी से लीकेज पर काबू पाने में मदद मिली है. इससे अब तक 2,22,968 करोड़ रुपये बचाए गए. नकद और वस्तु लाभार्थियों की कुल संख्या पिछले वित्तीय वर्ष में 105 करोड़ से भी अधिक थी. भारत में डीबीटी की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब से इसे शुरू किया तब से अब तक 24,81,909 करोड़ रुपये सरकार द्वारा सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजे जा चुके हैं. 

भारत में डिजिटल लेन-देन भी नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार- मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारत में अब तक 566 लाख करोड़ रुपए का डिजिटल लेन-देन हुआ है. जुलाई में छह अरब यूपीआई लेन-देन हुआ जो अब तक सर्वाधिक है. भारत में डिजीटल लेन-देन में आई तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भीम ऐप के जरिए इस साल फरवरी तक 453 करोड़ डिजीटल ट्रांसेक्शन हुए. भारत में अभी डिजीटल पेमेंट तीन ट्रिलियन डॉलर है, जो कि एक रिपोर्ट के अनुसार 2026 में 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल भारत में 41 अरब रियल टाइम डिजीटल ट्रांसेक्शन हुए जो कि चीन के 18 अरब से करीब तीन गुना अधिक हैं. एसीआई वर्ल्डवाइड के अनुसार भारत में हुए डिजीटल रियल टाइम ट्रांसेक्शन की यह संख्या अमेरिका, कनाडा, यूके, फ्रांस और जर्मनी सभी को मिलाने के बाद भी उनसे साढ़े छह गुना अधिक है.

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लेखक NDTV Profit Desk
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