सितंबर में होगी देश की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी, बोलियां लगाने वालों के अनुकूल बनाए नियम

देश की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी 29 सितंबर से शुरू हो रही है. आधार मूल्य के हिसाब से इस नीलामी में 5.63 लाख करोड़ रुपये की रेडियो तरंगों को बिक्री के लिए पेश किया जाएगा.

प्रतीकात्मक फोटो

देश की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी 29 सितंबर से शुरू हो रही है. आधार मूल्य के हिसाब से इस नीलामी में 5.63 लाख करोड़ रुपये की रेडियो तरंगों को बिक्री के लिए पेश किया जाएगा.

4जी सेवाओं के लिए सभी बैंडों की नीलामी
दूरसंचार सचिव जेएस दीपक ने आवेदन आमंत्रित करने का नोटिस (एनआईए) जारी करते हुए कहा, ‘‘बिखराव और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के मुद्दों को हल करने के लिए बड़ी मात्रा में स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए रखा गया है और नियमों को बोलियां लगाने वालों के अनुकूल बनाया गया है।’’ सरकार सभी बैंडों..700 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज, 1800 मेगाहट्र्ज, 2100 मेगाहट्र्ज तथा 2300 मेगाहट्र्ज बैंड में कुल 2,354.55 मेगाहट्र्ज मोबाइल सेवा स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए पेश करेगी. नीलामी के लिए रखे जाने वाले हर बैंड के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल द्रुत गति की 4जी सेवाओं के लिए किया जा सकेगा.

30 दिन के भीतर स्पेक्ट्रम दे दिया जाएगा
नीलामी के लिए पेश किए जाने वाले कुल स्पेक्ट्रम में से 197 मेगाहट्र्ज 1800 मेगाहट्र्ज बैंड तथा 37.5 मेगाहट्र्ज 800 मेगाहट्र्ज (सीडीएमए) बैंड में होगा. सरकार को चालू वित्त वर्ष में 2,354.55 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी से 64,000 करोड़ रुपये तथा दूरसंचार सेवाओं पर विभिन्न शुल्कों और सेवाओं से 98,995 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है. सरकार ने पहली बार वादा किया है कि सफल बोली दाताओं द्वारा अग्रिम भुगतान के 30 दिन के भीतर उन्हें स्पेक्ट्रम दे दिया जाएगा.

दस दिन के भीतर 25 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी
ऐसी दूरसंचार कंपनियां जो 700, 800 और 900 मेगाहट्र्ज में सफल बोली लगाएंगी उन्हें नीलामी समाप्त होने के 10 दिन के भीतर 25 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी. शेष भुगतान उन्हें दस सालाना किस्तों में करना होगा. इसमें पहले दो साल उन्हें कोई भुगतान नहीं करना होगा. शेष बैंडों में कम से कम 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा. सरकार ने किस्तों पर ब्याज को भी पहले के 10 प्रतिशत से घटाकर 9.3 प्रतिशत कर दिया है.

नीलामी में काफी रुचि ले रहीं कंपनियां
दीपक ने कहा, ‘‘इतनी बड़ी नीलामी तथा बोली दाताओं के अनुकूल नियमों की वजह से कंपनियां नीलामी में काफी रुचि दिखा रही हैं. इस बार जितनी राशि का स्पेक्ट्रम पेश किया गया है वह पूर्व की किसी भी नीलामी से कहीं अधिक है. इससे आपरेटरों को बोली लगाने और स्पेक्ट्रम हासिल करने का मौका मिलेगा जिससे वे अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता की सेवाएं दे सकेंगी.’’

700 मेगाहट्र्ज बैंड की नीलामी पहली बार  
यह पहली बार है जबकि 700 मेगाहट्र्ज बैंड स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा जा रहा है. इस बैंड को काफी महंगा माना जाता है. इसमें 3जी सेवाएं प्रदान करने की लागत 2100 मेगाहट्र्ज से एक-तिहाई बैठती है. यदि 700 मेगाहट्र्ज में समूचा स्पेक्ट्रम आधार मूल्य पर बिक जाता है तो इससे ही अकेले सरकार को चार लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा. दूरसंचार विभाग 13 अगस्त को बोली पूर्व सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसमें एनआईए को लेकर चीजें साफ की जाएंगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

लेखक Bhasha
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