गेहूं, डीजल की कीमत बढ़ने से मुद्रास्फीति साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची

गेहूं, मोटा अनाज और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मुद्रास्फीति सितंबर में चालू वित्त वर्ष के उच्चतम स्तर 7.81 फीसदी पर पहुंच गई।

गेहूं, मोटा अनाज और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मुद्रास्फीति सितंबर में चालू वित्त वर्ष के उच्चतम स्तर 7.81 फीसदी पर पहुंच गई।

मुद्रास्फीति में तेजी के रुख से आरबीआई इस महीने होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दर घटाने से परहेज कर सकता है। थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 7.55 फीसदी थी। हालांकि पिछले साल सितंबर में मुद्रास्फीति 10 फीसदी थी।

खाद्य उत्पाद खंड में गेहूं 18.63 फीसदा महंगा हुआ, जिसकी कीमत अगस्त में 12.85 फीसदी बढ़ी थी। मोटा अनाज भी 14.18 फीसदी महंगा हुआ, जो इससे पिछले महीने 10.7 फीसदी महंगा हुआ था। सरकार द्वारा डीजल की कीमत में 13 सितंबर को की गई पांच रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी से इसकी कीमत सितंबर में 8.94 फीसदी तक बढ़ी।

ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति 11.88 फीसदी बढ़ी, जो पहले 8.32 फीसदी थी। डीजल के अलावा, जेट ईंधन और केरोसिन मंहगा हुआ। खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 7.86 फीसदी पर आ गई, जो इससे पिछले महीने 9.14 फीसदी थी। खाद्य उत्पाद का थोकमूल्य सूचकांक में योगदान 14.3 फीसदी है। हालांकि सालाना स्तर पर आलू 52.20 फीसदी और चावल 12.41 फीसदी महंगा हुआ।

विनिर्मित उत्पाद खंड में सूती कपड़े, कागज और कागज से बने उत्पाद, रबड़ और प्लास्टिक उत्पादों की कीमत बढ़ी।
 विनिर्मित उत्पादों की कीमत सितंबर में 6.26 फीसदी बढ़ी, जबकि अगस्त में इनमें 6.14 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी।

रिजर्व बैंक 30 अक्तूबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है। उद्योग सरकार द्वारा उठाए गए राजकोषीय कदमों के मद्देनजर ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रहा है, लेकिन मुद्रास्फीति के उच्च स्तर के कारण हो सकता है आरबीआई ब्याज दरों में कटौती न करे।

समीक्षाधीन माह में अंडा, मांस और मछली की कीमत 12.44 फीसदी बढ़ी, जबकि दूध और फल की कीमत क्रमश: 6.25 फीसदी और 6.96 फीसदी बढ़ी। गैर-खाद्य उत्पादों में तिहलन की मुद्रास्फीति 28.13 फीसदी रही, जबकि खनिज की कीमत 12.38 फीसदी बढ़ी। जुलाई में दर्ज मुद्रास्फीति को संशोधित कर 7.52 फीसदी कर दिया गया जबकि अनुमानित आंकड़ा 6.87 फीसदी था। आज जारी सितंबर की मुद्रास्फीति के आंकड़े से पहले जून का 7.58 फीसदी का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष का उच्चतम स्तर था।

लेखक NDTV Profit Desk
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