'सत्यम की तरह किंगफिशर में नौकरी बचाए सरकार'

किंगफिशर एयरलाइंस के हड़ताली कर्मचारियों ने एक बार फिर प्रबंधन की पेशकश ठुकरा दी और कहा कि सरकार को एयरलाइंस में उसी प्रकार हजारों कर्मचारियों की नौकरियां बचानी चाहिए, जिस प्रकार सत्यम मामले में बचाई थीं।

विमानन कम्पनी किंगफिशर एयरलाइंस के हड़ताली कर्मचारियों ने मंगलवार को एक बार फिर प्रबंधन की पेशकश ठुकरा दी और कहा कि सरकार को किंगफिशर एयरलाइंस में उसी प्रकार हजारों कर्मचारियों की नौकरियां बचानी चाहिए, जिस प्रकार सत्यम मामले में कर्मचारियों की नौकरियां बचाई गई थीं। वहीं, कंपनी के मालिक विजय माल्या ने कहा है कि वह ‘भागने’ वाले नहीं हैं।

संकट को लेकर चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रहे माल्या ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मीडिया के एक वर्ग पर हमला बोला। मीडिया के एक वर्ग द्वारा माल्या को ‘भगोड़ा’ कहा गया है।

माल्या ने ट्विट किया, ‘‘मुझे अपनी जिम्मेदारियों की वजह से 24 घंटे सातों दिन यात्रा करनी पड़ती है। मीडिया के एक वर्ग ने मुझे भगोड़ा कहा है क्योंकि मैं उनसे बात नहीं करता।’’ कर्मचारियों के साथ बातचीत में माल्या की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए गए हैं। इसके मद्देनजर उन्होंने यह ट्विट किया है।

एक वरिष्ठ फ्लाइट इंजीनियर ने कहा कि कर्मचारी नागरिक उड्डयन मंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "किंगफिशर एयरलाइंस के मामले में भी सरकार को उसी प्रकार पहल करनी चाहिए, जैसी पहल उसने सत्यम घोटाला मामले में की थी। इस मामले में स्थिति अलग प्रकार की हो सकती है, लेकिन सरकार को हजारों नौकरियां बचानी हैं, जैसा उसने सत्यम मामले में किया था।"

विमानन कम्पनी में तालाबंदी को देखते हुए 6,500 कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। इंजीनियर ने कहा, "मुम्बई और नई दिल्ली में हुई बैठक में कर्मचारियों के बीच प्रबंधन की पेशकश को ठुकराने को लेकर सहमति बनी। हम इस बारे में उन्हें एक पत्र लिखेंगे।"

उन्होंने कहा, "हमने इस विषय पर कानूनी सलाह भी ली है, लेकिन कोई भी कदम उठाने से पहले हम स्थिति के और स्पष्ट हो जाने का इंतजार कर रहे हैं।"

इंजीनियर ने कहा कि ताजा पेशकश न्यूनतम मांग को पूरी नहीं करती है। उन्होंने कहा, "हम 26 अक्टूबर तक मार्च से लेकर चार महीने के वेतन की मांग कर रहे हैं।"

विमान कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल ने सोमवार को कर्मचारियों को भेजे एक पत्र में उन्हें 26 अक्टूबर तक मार्च का वेतन, 31 अक्टूबर तक अप्रैल का वेतन और दिवाली से पहले मई महीने का वेतन देने की पेशकश की थी।

कर्मचारियों ने प्रबंधन पर भरोसे की कमी दिखाई और एकमुश्त वेतन के भुगतान की मांग की। उन्होंने कहा, "वे वेतन भुगतान के बारे में पत्र, ईमेल तथा अन्य साधनों के जरिए संदेश भेजते रहे हैं, लेकिन भुगतान किया नहीं गया। हम उनपर लगातार भरोसा नहीं कर सकते।"

कम्पनी के शेयर मंगलवार को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में 4.59 फीसदी गिरावट के साथ 10.40 रुपये की सर्किट सीमा पर बंद हुए।

(इनपुट एजेंसियों से भी)

लेखक NDTV Profit Desk
जरूर पढ़ें
1 ICICI Bank के पूर्व चेयरमैन नारायणन वाघुल 88 साल की उम्र में निधन, कंपनी को बैंकिंग में लाने का जाता है श्रेय
2 दूसरे हाफ में बाजार में रही हल्की तेजी, निफ्टी 22,500 के करीब बंद
3 Market Closing: स्पेशल ट्रेडिंग सेशन में बाजार में सीमित दायरे में रहा कारोबार, निफ्टी 22,500 के करीब बंद
4 आज NSE-BSE में DR साइट पर स्पेशल ट्रेडिंग, जानें पूरा शेड्यूल