सेंसेक्स और निफ्टी में एक फीसदी, स्मॉलकैप में दो फीसदी की तेजी

देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में गत सप्ताह लगभग एक फीसदी तेजी रही जबकि बीएसई के स्मॉलकैप में दो फीसदी तेजी रही।

देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में गत सप्ताह लगभग एक फीसदी तेजी रही जबकि बीएसई के स्मॉलकैप में दो फीसदी तेजी रही।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 0.98 फीसदी या 204.6 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 20,996.53 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी इस दौरान 1.36 फीसदी या 83.8 अंकों की तेजी के साथ 6,259.90 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयरों में तेजी रही। टाटा पावर (10.82 फीसदी), जिंदल स्टील (9.95 फीसदी), भेल (9.80 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (7.01 फीसदी) और कोल इंडिया लिमिटेड (6.63 फीसदी) में सबसे अधिक तेजी रही। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे हिंदुस्तान यूनिलीवर (5.65 फीसदी), आईटीसी (2.66 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (2.53 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.91 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (1.71 फीसदी)।

बीएसई के स्मॉलकैप सूचकांक ने गत सप्ताह प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी को पीछे छोड़ दिया। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 1.00 फीसदी या 63.4 अंकों की तेजी रही, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक में 2.07 फीसदी या 126.25 अंकों की तेजी रही।

गत सप्ताह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि और एचएसबीसी भारत विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर सूचकांक (पीएमआई) में तेजी का बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा।

देश के विनिर्माण क्षेत्र में पिछले महीने तेजी की वापसी दर्ज की गई। मार्केट इकनॉमिक्स द्वारा तैयार सोमवार को जारी एचएसबीसी विनिर्माण पीएमआई नवंबर महीने में बढ़कर 51.3 पर पहुंच गई, जो अक्टूबर में 49.6 पर थी। पीएमआई सूचकांक मार्च के बाद सबसे ऊपरी स्तर पर है और पिछले चार महीने में पहली बार यह 50 से ऊपर है। पीएमआई के 50 से ऊपर रहने का मतलब है कि संबंधित क्षेत्र में विस्तार हुआ, जबकि इसके 50 से नीचे रहने का मतलब है कि संबंधित क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई। नए ठेकों का उप सूचकांक इस दौरान बढ़कर 51.9 पर पहुंच गया, जो अप्रैल के बाद से ऊपरी स्तर पर है। यह अक्टूबर में गिरावट के साथ 48.9 पर पहुंच गया था।

देश की जीडीपी विकास दर मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में 4.8 फीसदी दर्ज की गई, जो पहली तिमाही में 4.4 फीसदी थी। दूसरी तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्य क्षेत्र में बेहतर 4.6 फीसदी वृद्धि रही। इस दौरान बिजली, गैस और जलापूर्ति क्षेत्र में 7.7 फीसदी वृद्धि और निर्माण में 4.3 फीसदी वृद्धि रही। वित्त, बीमा, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवा में 10 फीसदी तथा सामुदायिक, सामाजिक और निजी सेवाओं में 4.2 फीसदी वृद्धि रही।

शुक्रवार 29 नवंबर को बाजार बंद होने के बाद जारी सरकारी आंकड़े के मुताबिक अप्रैल-अक्टूबर अवधि में देश का वित्तीय घाटा 4.58 लाख करोड़ रुपये या पूरे कारोबारी साल के लक्ष्य के 84.4 फीसदी स्तर पर पहुंच गया।

लेखक NDTV Profit Desk
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