भारतीय रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में सख्ती के चलते भारतीय शेयर बाजार वैश्विक घटनाक्रम के प्रति और अधिक संवेदनशील हो गए हैं और ऐसे में बैंकिंग शेयरों की अगुवाई में शेयरों के दाम गिर सकते हैं। मॉर्गन स्टैनले की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
मॉर्गन स्टैनले ने कहा कि आरबीआई की 1998 से शुरू नकदी कम करने की नीति के तहत पिछले सोमवार को उठाए गए संभवत: सबसे सख्त कदम के बीच ब्याज दर उच्च स्तर पर रखने की नीति के कारण शेयर बाजार वैश्विक रुझान और विशेष तौर पर अमेरिका में प्रोत्साहन उपायों को वापस लिए जाने के प्रति अधिक संवेदनशील हो गया है।
मॉर्गन स्टैनले ने कहा, यदि रिजर्व बैंक की पहल का असर अर्थव्यवस्था में दिखता है, तो हमारा मानना है कि भारत में शेयर मूल्य गिरेंगे और इसमें बैंकों के शेयरों की अग्रणी भूमिका होगी। इससे पहले ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान जाहिर किया था कि निफ्टी 5,600-6,300 के दायरे में कारोबार करेगा, लेकिन पिछले सप्ताह पेश मौद्रिक नीति समीक्षा और ब्याज दरों के बारे में मिलने वाले संकेतों को देखते हुए बाजार पर असर हो सकता है, जिसमें वित्तीय कंपनियों की अग्रणी भूमिका होगी।
मार्गन स्टैनले ने कहा, अब हमारा मानना है कि निफ्टी 5,200-6,000 के दायरे में कारोबार करेगा। मंदी के मामले में हम अपने लक्ष्य को 17,912 से कम करके 16,200 अंक कर रहे हैं।