बैंकों पर लगने वाला 10% ICRR हटेगा या घटेगा? RBI आज करेगा फैसला

रिजर्व बैंक ने 19 मई से 28 जुलाई के बीच के जुटाए गए डिपॉजिट पर ICRR लगाने का ऐलान किया था.

Source: BQ Prime

क्या भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों पर लगाए गए 10% इंक्रिमेंटल कैश रिजर्व रेश्यो यानी ICRR को आज खत्म कर देगा या इसमें कटौती करेगा. आज इसका फैसला हो जाएगा.

पिछले महीने 10 अगस्त की पॉलिसी में रिजर्व बैंक ने सिस्टम से लिक्विडिटी खींचने के लिए 10% ICRR (Incremental Cash Reserve Ratio) लागू किया था, साथ ही ये भी कहा था कि इसकी 8 सितंबर को यानी आज समीक्षा की जाएगी. अब बाजार और बैंकों की नजर इसी बात पर टिकी है कि रिजर्व बैंक ICRR को हटाता है या इसको घटाता है.

10% ICRR क्यों लगाया गया

पिछली पॉलिसी में गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने पॉलिसी स्टेटमेंट में कहा था, '12 अगस्त से सभी शेड्यूल्ड बैंकों को अपने बढ़े हुए NDTL (Net Demand And Time Liabilities) पर 10% ICRR मेंटेन करना होगा. रिजर्व बैंक के ICRR लगाने से अनुमान है कि सिस्टम से अतिरिक्त करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी खींच लगी गई है.

RBI का कहना था कि 2000 रुपये के नोटों के सिस्टम में वापस आने से लिक्विडिटी एक सीमा से ज्यादा बढ़ गई है. इसलिए रिजर्व बैंक ने 19 मई से 28 जुलाई के बीच के जुटाए गए डिपॉजिट पर ICRR लगाने का ऐलान किया था. रिजर्व बैंक ने 19 मई को 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का ऐलान किया था. RBI ने कहा कि इससे बाजार में अतिरिक्त लिक्विडिटी कम होगी और महंगाई को काबू में रखने में मदद मिल सकेगी.

अब अगर रिजर्व बैंक ICRR को हटाता है तो ऐसी स्थिति में बैंकों के पास फिर से लिक्विडिटी ज्यादा होगी, वो ज्यादा लोन दे सकेंगे.

ICRR को समझें

ICRR को समझने से पहले ये जान लेते हैं कि CRR क्या है तो दरअसल होता ये है कि बैंकों नियम के तहत मौजूदा दर के आधार पर 4.50% का कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) मेंटेन करना होता है. यानी अपने कुल डिपॉजिट का 4.50% उन्हें RBI के पास कैश में रखना होता है और इस राशि को वो लोन देने या कहीं निवेश करने में इस्तेमाल नहीं कर सकते. इस बार मामला ये है कि 2000 रुपये के नोटों के वापस आने से सिस्टम में लिक्विडिटी ज्यादा है और RBI इस लिक्विडिटी को कम करना चाहती है ताकि महंगाई पर काबू किया जा सके. इसलिए इंक्रिमेंटल CRR का ये फैसला RBI ने किया है.