भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने कोलंबो पोर्ट पर स्थित कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) में कामकाज शुरू कर दिया है.
CWIT प्रोजेक्ट को 800 मिलियन डॉलर के निवेश से बनाया गया है. इसमें 1,400 मीटर की लंबाई और 20 मीटर की गहराई है. जिससे टर्मिनल सालाना लगभग 3.2 मिलियन TEU को संभाल सकता है.
अदाणी पोर्ट्स ने एक बयान में कहा कि ये कोलंबो का पहला डीप-वाटर टर्मिनल है जो पूरी तरह से ऑटोमेटेड है. इसे कार्गो हैंडलिंग क्षमताओं को बढ़ाने, जहाजों के टर्नअराउंड समय में सुधार करने और दक्षिण एशिया में एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में पोर्ट की स्थिति को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है. इससे कंजेशन में कमी आएगी, जिससे कुल दक्षता में बढ़ोतरी होगी.
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, 'CWIT की शुरुआत भारत और श्रीलंका के बीच क्षेत्रीय सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.' उन्होंने कहा कि ये टर्मिनल न केवल हिंद महासागर में व्यापार के भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि इसका उद्घाटन श्रीलंका के लिए भी गौरव का पल है. जो इसे वैश्विक समुद्री मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करता है. CWIT प्रोजेक्ट स्थानीय स्तर पर हजारों डायरेक्ट और इनडायरेक्ट नौकरियों को पैदा करेगी और द्वीप राष्ट्र के लिए अपार इकनोमिक वैल्यू खोलेगी.
जॉन कील्स ग्रुप (John Keells Group) के चेयरपर्सन कृष्ण बालेंद्र ने कहा, 'हम वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के विकास में प्रगति देखकर गर्वित हैं, ये एक ऐसी परियोजना है, जो श्रीलंका की क्षेत्रीय समुद्री केंद्र के रूप में स्थिति को मजबूत करती है. ये परियोजना जॉन कील्स ग्रुप के सबसे बड़े निवेशों में से एक है और श्रीलंका में निजी क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण निवेशों में से एक है.
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के MD करण अदाणी ने एक्स पर लिखा, 'कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) का उद्घाटन श्रीलंका के लिए गर्व का क्षण है. इसने कोलंबो पोर्ट को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में स्थापित किया है. अदाणी पोर्ट्स द्वारा दूरदर्शी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विकसित ये परियोजना स्थानीय स्तर पर हजारों नौकरियों का सृजन करेगी और मजबूत पड़ोसी संबंधों और साझा प्रगति का प्रमाण बनेगी.'