सैलरी, मर्जर और भेदभाव...विस्तारा वाली स्क्रिप्ट, एयर इंडिया एक्सप्रेस में भी दोहराई गई

एयर इंडिया एक्सप्रेस के क्रू मेंबर्स का अचानक से सिक लीव पर चले जाना, ये कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है.

Source: NDTV

मंगलवार की रात दिल्ली एयरपोर्ट पर अचानक ही यात्रियों के बीच हलचल मच गई, वजह थी एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट्स का एक के बाद एक कैंसिल होना. एयर इंडिया एक्सप्रेस के काउंटर पर यात्रियों की भीड़ चिल्ला-चिल्लाकर ये पूछ रही थी कि उनकी फ्लाइट का क्या हुआ, लेकिन काउंटर पर कोई भी एयर इंडिया का कर्मचारी ये बता पाने की स्थिति में नहीं था कि आखिर हुआ क्या.

300 सीनियर क्रू मेंबर्स क्यों गए सिक लीव पर

एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयर इंडिया की सब्सिडियरी कंपनी है और लो कॉस्ट एयरलाइन है. एयर इंडिया एक्सप्रेस के क्रू मेंबर्स ने मंगलवार की रात को जो किया, उसका अंदाजा एयरलाइन के मैनेजमेंट तक को नहीं था, करीब 300 सीनियर क्रू मेंबर्स सिक लीव पर चले गए और अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया. जब क्रू मेंबर्स समय पर फ्लाइट में नहीं पहुंचे तो मैनेजमेंट में खलबली मची, क्रू मेंबर्स से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन तुरंत कोई कामयाबी नहीं मिली.

एक के बाद एक 86 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई. इसमें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों ही उड़ानें शामिल थीं, इससे मैनेजमेंट के माथे पर तनाव और एयरपोर्ट पर यात्रियों का शोर बढ़ने लगा.

एयर इंडिया एक्सप्रेस के क्रू मेंबर्स का अचानक से सिक लीव पर चले जाना, ये कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है. क्रू मेंबर्स और एयरलाइन मैनेजमेंट के बीच तल्खी का पता तभी चल गया था, जब पिछले साल दिसंबर 2023 में एयर इंडिया एक्सप्रेस क्रू मेंबर्स की एसोसिशन ने मैनेजमेंट की शिकायत केंद्रीय विमानन मंत्रालय से की थी.

उन्होंने विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चिट्ठी लिखकर क्रू मेंबर्स के साथ भेदभाव और कुछ मामलों में सर्विस कॉन्ट्रैक्ट्स में कटौती की भी शिकायत की थी.

विमानन मंत्रालय को की गई शिकायत के बाद श्रम मंत्रालय की ओर से टाटा ग्रुप की इस एयरलाइन को मैनेजमेंट और केबिन क्रू सदस्यों के बीच विवादों से जुड़े नियमों के उल्लंघन को देखते हुए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था.

क्रू मेंबर्स को क्या शिकायत है

सूत्रों के मुताबिक क्रू मेंबर्स ने एयरलाइन पर मिसमैनेजमेंट का आरोप लगाया है. एयर इंडिया एक्सप्रेस यूनियन जिसमें 300 मेंबर्स हैं, उसका आरोप है कि स्टाफ के साथ बराबरी का बर्ताव नहीं किया जा रहा है. एयरलाइन के कुप्रंधन की वजह से कर्मचारियों के बीच गुस्सा बढ़ रहा है. यूनियन का कहना है कि उनको मिलने वाले जरूरी भत्ते जैसे - HRA, TA, DA जो कि मर्जर से पहले कर्मचारियों की सैलरी का हिस्सा होते थे, उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है जिससे उनकी सैलरी काफी कम हो गई है. क्रू मेंबर्स ने ठहरने के दौरान रूम शेयरिंग को लेकर भी शिकायत की थी.

दरअसल, टाटा ग्रुप अपनी एयरलाइंस के कंसोलिडेशन में जुटी है, इसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस और AIX कनेक्ट का विलय किया जाएगा और विस्तारा और एयर इंडिया का विलय होगा. इस विलय को लेकर कर्मचारी खुश नहीं हैं, क्योंकि विलय के बाद उनके कॉन्ट्रैक्ट में काफी बदलाव किए गए. कर्मचारियों का आरोप है कि इस नए कॉन्ट्रैक्ट को उनके ऊपर थोपकर उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. स्टाफ मेंबर्स को इंटरव्यू क्लियर करने के बावजूद निचली जॉब पोजीशन ऑफर की जा रही है.

कर्मचारियों ने लिखी एन चंद्रशेखरन को चिट्ठी

जब मैनेजमेंट से कोई सुनवाई नहीं हुई तो, अपनी शिकायतों और तकलीफों को लेकर क्रू मेंबर्स यूनियन ने 26 अप्रैल को टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को चिट्ठी भी लिखी. ये चिट्ठी NDTV के पास है. जिसमें उन्होंने बताया कि क्रू मेंबर्स काम करके खुश नहीं हैं, वो रोजाना खुद को बस किसी तरह खींच रहे हैं.

चिट्ठी में क्रू मेंबर्स ने लिखा कि वित्त मंत्री के आश्वासन के बावजूद कई कर्मचारियों की नौकरी ले ली गई. जिन लोगों की हायरिंग की जा रही है, उनका अनुभव काफी कम है और पद ऊंचे दिए जा रहे हैं.

मर्जर के बाद HRA, TA, DA, DH का हटा दिया गया जो कि सैलरी हिस्सा थे. इसके अलावा SOPs को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है.

कई बार मैनेजमेंट से इन शिकायतों को लेकर सूचित किया गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. इसलिए आपसे अपील है कि इस मामले में दखल दें.

विस्तारा की कहानी भी यही थी

एयर इंडिया एक्सप्रेस में बीते दो दिनों से जो कुछ हो रहा है, ऐसा टाटा ग्रुप की दूसरी एयरलाइन विस्तारा में हो चुका है. यही कहानी, यही पटकथा, डॉयलॉग सबकुछ ठीक कॉपी पेस्ट. इसी साल मार्च-अप्रैल में विस्तारा के पायलट्स अचानक छुट्टी पर चले गए थे और बड़ी संख्या में विस्तारा की फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थी और फिर एयरपोर्ट पर यात्रियों का शोर और गुस्सा.

क्रू मेंबर्स नहीं होने और कई पायलटों के अचानक छुट्टी पर चले जाने से करीब 150 फ्लाइट्स पर इसका असर दिखा था. दरअयल एयर इंडिया के साथ विलय के बाद नए कॉंन्ट्रौक्ट को लेकर पायलट्स में भारी गुस्सा था, जिसके विरोध में पायलट्स छुट्टी पर चले गए. विस्तारा एयरलाइंस ने पायलट्स से कहा था कि अगर वो नए सैलरी स्ट्रक्चर पर दस्तखत नहीं करते हैं, तो ये माना जाएगा कि वो मर्जर के बाद एयर इंडिया में शामिल नहीं होना चाहते हैं.

नए कॉन्ट्रैक्ट में पायलट्स के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया. नए बदलाव के बाद विस्तारा के फर्स्ट ऑफिसर्स को 40 घंटों के उड़ान के लिए फिक्स्ड सैलेरी देने का प्रस्ताव है जो पहले 70 घंटे था, यानी सैलरी में 57% की कटौती. नई शर्त के बाद उन्हें 70 की बजाय अब 76 घंटे उड़ान भरना होगा, जबकि दूसरी तरफ कैप्टन के लिए ये 52-55 घंटे और सीनियर कैप्टन के लिए 55-60 घंटे है.

विस्तारा मैनेजमेंट को अपनी स्थिति संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. लेकिन डर ये है कि अगर टाटा ग्रुप की एयरलाइंस में इस तरह की घटनाएं आगे भी होती रहीं, तो ये यात्रियों के भरोसे पर भी असर कर सकता है और टाटा ग्रुप की साख को भी नुकसान पहुंचा सकता है.