ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने मैप माय इंडिया (MapmyIndia) के हालिया आरोपों को अवसरवादी प्रवृत्ति का करार दिया है. अग्रवाल ने ये भी कहा कि कंपनी मैप माय इंडिया के आरोपों का जवाब सार्वजनिक तौर पर देगी.
मैप माय इंडिया के आरोप
दरअसल मैप माय इंडिया ने अपने आरोपों पर कहा था कि ओला ने कंपनी के डेटा का इस्तेमाल करते हुए ओला मैप्स बनाया है. मैप माय इंडिया की पेरेंट कंपनी CE इंफो सिस्टम्स ने ओला इलेक्ट्रिक को एक कानूनी नोटिस भी जारी किया है.
इसमें कहा गया है कि ओला इलेक्ट्रिक ने मैप माय इंडिया के कैचे के जरिए डेटा सेव कर लिया और रिवर्स इंजीनियरिंग एक लाइसेंस प्रोडक्ट बनाया, जो दोनों कंपनियों के बीच हुए एग्रीमेंट का उल्लंघन है.
अग्रवाल ने बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा, 'मैप माय इंडिया के नोटिस पर हमने एक पब्लिक स्टेटमेंट जारी किया है कि हम इसका जरूर सार्वजनिक तौर पर जवाब देंगे. हमें लगता है कि ये उनकी तरफ से बेहद अवसरवादी कदम है और ओला इलेक्ट्रिक तो मैप्स के धंधे में भी नहीं है. हम एक समूह हैं, जिसमें तीन अलग-अलग एंटिटीज हैं- ओला एप्स, ओला इलेक्ट्रिक और ओला क्रुट्रिम.'
मैप माय इंडिया का कहना है कि मैप माय इंडिया के डेटा की रिवर्स इंजीनियरिंग से ना केवल प्रोप्राइटरी टेक्नोलॉजी का उल्लंघन हुआ है, बल्कि इससे ओला मैप्स के डेटा के बारे में यूजर्स को भ्रमित किया गया है.
मैप माय इंडिया के मैपिंग डेटा तक एक्सेस पाने के लिए ओला कैब्स ने पहले कंपनी के साथ 2015 में कई सालों का लाइसेंसिंग एग्रीमेंट किया. ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 मैप माय इंडिया की सर्विसेज को S1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर में भी जोड़ दिया.
लेकिन ओला कैब्स ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि अब उन्होंने ऑपरेशनल उद्देश्यों के चलते गूगल मैप्स की जगह ओला मैप्स पर स्विच कर लिया है.
अग्रवाल ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि इस कदम से कंपनी ने सालाना 100 करोड़ रुपये तक बचा लिए हैं.