आने वाले दिनों में घटेगी सोने की मांग, चुनाव और रिकॉर्ड कीमतों से पड़ेगा असर: WGC

पिछले चार आम चुनावों के दौरान सोने की खपत में गिरावट आई . WGC ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि ज्वेलरी और बार, कॉइन की डिमांड में गिरावट देखने को मिली है.

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वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक आने वाले लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) और सोने की कीमतों में हाल ही की बढ़ोतरी से भारत में सोने की मांग (Gold Demand) में गिरावट आएगी. 19 अप्रैल से चुनाव सात चरणों में होंगे और जून के पहले हफ्ते में खत्म होंगे. डेटा में दिखा कि पिछले चार आम चुनावों के दौरान सोने की खपत में गिरावट आई . WGC ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि ज्वेलरी और बार, कॉइन की डिमांड में गिरावट देखने को मिली है.

चुनाव से कैसे पड़ेगा मांग पर असर?

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के चुनावों के बाद सोने की डिमांड कम होगी. चुनावी सीजन के दौरान कैश, सोने और ज्वेलरी की आवाजाही पर ज्यादा निगरानी रहती है. इससे सोने की मांग पर असर पड़ सकता है. राजनीतिक दल इन चीजों का वोटरों को लुभाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. प्रशासन ऐसी गलत गतिविधियों को रोकने के लिए कोशिशें बढ़ा रहा है.

WGC के मुताबिक जून में मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं की जा सकती है क्योंकि शादियों का सीजन नजदीक आ रहा है. भारत में सोने की मांग में ज्वेलरी का 70% हिस्सा है. डिमांड को लेकर चिंताओं को सोने की घरेलू कीमतें बढ़ा रही हैं जो रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं हैं. इससे बड़ी रूकावट आई है.

कीमतों में बड़ा इजाफा

जून में गोल्ड फ्यूचर्स 71,739 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. स्पॉट कीमतों में 2024 की शुरुआत से 13% की बढ़ोतरी हुई है. इसके पीछे वजह वैश्विक कीमतों में तेजी के मुताबिक है. WGC ने कहा कि ज्यादा कीमतों की वजह से बुलियन लिंक्ड फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स जैसे गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में निवेश बढ़ सकता है.

डेटा में दिखा कि भारत में गोल्ड ETFs में फ्लो मार्च में 25% घटा है. एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 3.6 बिलियन डॉलर है. जबकि कुल होल्डिंग्स 44.7 टन हैं. इसमें 0.7% की गिरावट आई है.

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