निवेशकों (Investors) को स्मॉल कैप में अपना निवेश सीमित रखना चाहिए क्योंकि ये सावधानी बरतने का समय है. ये कहना है फर्स्ट ग्लोबल स्टॉकब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड (First Global Stockbroking Pvt.) की MD देविना मेहरा का.
देविना मेहरा ने कहा कि 2008 के मार्केट क्रैश के दौरान, गिरावट के अंत तक केवल 1% स्मॉल कैप पॉजिटिव टेरिटरी में आ पाए थे. इसी तरह 2018 में शुरू हुई गिरावट में केवल 8% स्टॉक ही बढ़त के साथ बंद होने में कामयाब रहे.
देविना मेहरा ने BQ Prime को बताया कि निवेश लूजर्स का गेम है, आप तभी जीतते हैं जब आप हारते नहीं हैं. इसलिए आपको सुनिश्चित करना होगा कि आप किसी भी समय अपनी पूंजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा न गंवाएं.
कच्चे तेल की कीमत में उछाल पर आउटलुक
देविना मेहरा के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतें भारत पर बड़ा असर डालती हैं, इससे देश के चालू खाते के घाटे, महंगाई और कॉरपोरेट आय जैसी बातों पर असर पड़ता है, क्योंकि कई तरह की इंडस्ट्रीज के लिए कच्चा माल पेट्रोलियम से ही मिलता है.
देविना मेहरा ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भारत के लिए एक निगेटिव फैक्टर है और कुछ हद तक कॉरपोरेट आय पर भी असर डाल सकती है. हालांकि अभी स्थिति चिंताजनक नहीं है और हालात नियंत्रण में है.
कच्चे तेल की कीमतों में अभी तेजी है, मगर आउटलुक देखकर लग रहा है कि ये एक दायरे में रह सकता है, इसकी कीमत $92 से $110 प्रति बैरल के बीच रहने की उम्मीद है.
पैसा कहां लगाएं
इस सवाल पर देविना ने कहा कि कैपिटल गुड्स और इंडस्ट्रियल मशीनरी सेक्टर अच्छी स्थिति में है. उन्होंने कहा कि हमने ऑटोमोटिव, ऑटो कंपोनेंट, फार्मास्यूटिकल्स और कुछ मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भी जोड़ा है. कंज्यूमर गुड्स और औद्योगिक मशीनरी सेक्टर भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
बैंक, फाइनेंस सेक्टर पर नजरिया
देविना बैंकों और वित्तीय संस्थानों को लेकर कुछ सतर्क हैं, इनका मानना है कि इस सेक्टर से निगेटिव खबरें आ सकती हैं.