Zepto के डार्क स्टोर्स जांच के दायरे में; क्या Q-Comm बिजनेस में हो रहा सुरक्षा से समझौता?

FDI action on Zepto: महाराष्ट्र के फूड इंस्पेक्शन अथॉरिटी को महाराष्ट्र के फूड इंस्पेक्शन अथॉरिटी को Zepto के धारावी डार्क स्टोर के निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा मानकों के कई उल्लंघन सामने आए हैं.

Source: Canva

FDI action on Zepto: बिजली की तेज रफ्तार से खाद्य पदार्थों की डिलीवरी को अब तक भारतीय कंज्यूमर पसंद कर रहे थे, लेकिन महाराष्ट्र के फूड इंस्पेक्शन अथॉरिटी ने जब से Q-Comm दिग्गज Zepto पर सामान की क्वालिटी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है, तभी से कंपनी के ग्राहक ऑर्डर करने से पहले कई बार सोचने को मजबूर हो रहे हैं.

महाराष्ट्र के फूड इंस्पेक्शन अथॉरिटी को महाराष्ट्र के फूड इंस्पेक्शन अथॉरिटी को Zepto के धारावी डार्क स्टोर के निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा मानकों के कई उल्लंघन सामने आए हैं.

एजेंसी ने खाद्य पदार्थों में फफूंद, प्रोडक्ट्स को बंद या ठहरे पानी के पास स्टोर करने, नियम के अनुसार कोल्ड स्टोरेज का तापमान ना होना जैसी कई कमियां देखीं. इसके अलावा गीले और गंदे फर्श पर फूड आइटम्स को गलत तरीके से स्टोर किया जा रहा था. साथ ही एक्सपायरी डेट वाले फूड आइटम्स को सही प्रोडक्ट्स से अलग भी नहीं किया जा रहा था.

Q-Comm बिजनेस को खतरा?

ये सभी बातें सामने आने से गंभीर प्रश्न उठ खड़ा हुआ है कि क्या 10 मिनट में डिलीवरी का वायदा सेहत और सेफ्टी मानकों के साथ समझौता है?

बिगबास्केट के एक्स को-फाउंडर और laundrymate.in के को-फाउंडर अभिनय चौधरी ने कहा, 'स्पीड के नाम पर साफतौर पर समझौते किए जा रहे हैं. अलग-अलग शेल्फ लाइफ वाले प्रोडक्ट्स के लिए अलग-अलग स्टोरेज की व्यवस्था होनी चाहिए और इन्वेंट्री में पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर काम करना चाहिए.

अभिनय चौधरी ने डिलीवरी के मामले में भविष्य में होने वाली समस्याओं पर भी प्रकाश डाला, जैसे कि बिना सूचना के प्रोडक्ट्स को छोड़ दिया जाना. उन्होंने ऐसे उदाहरण भी दिए जहां फूड डिलीवरी के साथ कीट भगाने वाले या फर्श साफ करने वाले प्रोडक्ट्स भी डिलीवर किए जाते हैं.

'फूड सेफ्टी के लिए स्पीड स्लो करें'

इसी बात को दोहराते हुए, काउंटरपॉइंट ई-कॉमर्स के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अंकित मल्होत्रा ​​ने माना है कि Q-Comm में कहीं ना कहीं समझौता तो होता ही है. उन्होंने कहा, 'इस तरह की घटनाएं कुछ समय के लिए कंज्यूमर्स को परेशान करेंगी, लेकिन ये बात भी ध्यान में रखनी होगी कि उपभोक्ता अधिक जागरूक हैं.

मल्होत्रा ​​ने ब्रांडों के लिए सही प्रोसेस को मानने के लिए जोर दिया ताकि उनकी प्रतिष्ठा के साथ गुणवत्ता बनी रहे. साथ ही डिमांड का पूर्वानुमान लगाने और सोर्सिंग, कर्मचारियों को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की भी बात कही.

FSSAI के एक्स डायरेक्टर डॉ. प्रदीप चक्रवर्ती ने साफ किया कि FSSAI ने 2 फरवरी, 2017 को ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी बिजनेस के लिए पहले दिशानिर्देश जारी किए थे.

'कम से कम 45 दिन पहले हो डिलीवरी'

उन्होंने कहा, 'कंपनियों से उम्मीद की जाती है कि वे किसी प्रोडक्ट्स के एक्सपायर होने से कम से कम 45 दिन पहले डिलीवरी कर दें. अभी रेगूलेशन की कोई कमी नहीं है, लेकिन ये तेजी से बढ़ता हुआ बिजनेस है, इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि किसी भी नियम की अनदेखी ना हो.

Also Read: निफ्टी 50 की तुलना में निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स इस साल कर सकता है बेहतर परफॉर्म