महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मुंबई के धारावी में किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज - जेप्टो, के फूड लाइसेंस को रद्द कर दिया है. यह कार्रवाई वहां की फैसिलिटी की जांच के बाद की गई है.
FDA की जांच में पाया गया कि जेप्टो ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 और खाद्य व्यवसाय लाइसेंस नियम, 2011 का गंभीर उल्लंघन किया.
FDA की जांच में क्या मिला?
जांच में देखा गया कि परिसर में कई तरह से नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था.
कुछ खाद्य पदार्थों में फफूंद लगी थी
सामान गंदे/रुके हुए पानी के पास रखा था जिससे साफ-सफाई की कमी दिखी
कोल्ड स्टोरेज का तापमान भी नियमों के अनुसार नहीं था
फर्श गीला और गंदा था, खाद्य सामान अव्यवस्थित और अस्वच्छ तरीके से, सीधे फर्श पर रखा था
एक्सपायर्ड फूड प्रोडक्ट्स भी नए सामान से अलग नहीं किए गए थे
यह जांच के FDA के राज्यमंत्री योगेश कदम की जानकारी के आधार पर की गई थी. FDA ने कहा कि ये खामियां लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन हैं। इसके बाद, असिस्टेंट कमिश्नर (फूड) अनुपमा बलासाहेब पाटिल ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 की धारा 32(3) और लाइसेंस नियम, 2011 के नियम 2.1.8(4) के तहत तुरंत लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया. कंपनी का लाइसेंस तब तक लागू रहेगा, जब तक जेप्टो सभी नियमों का पालन नहीं करता और लाइसेंस प्राधिकरण से अप्रूवल नहीं ले लेता.
इस जांच और लाइसेंस रद्द किए जाने पर जेप्टो ने बयान जारी कर कहा है कि जेप्टो में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाता. कंपनी ने कहा कि पहले ही एक आंतरिक समीक्षा शुरू कर दी गई है और संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी और त्वरित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए काम किया जा रहा हैं. कंपनी ने कहा, "जेप्टो जांच में सामने आई कमियों को सुधारने और अपने उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम और सबसे सुरक्षित गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स मुहैया कराने के लिए अपनी प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम नियामक दायित्वों और लागू कानूनों के अनुसार जल्द से जल्द ऑपरेशंस फिर से शुरू करने के लिए सभी सुधारात्मक उपाय कर रहे हैं।"