NPCI ने UPI प्लेटफॉर्म्स को दी राहत; पेमेंट ऐप्स पर 30% मार्केट शेयर की सीमा को अब 2 साल के लिए नहीं होगी लागू

दरअसल NPCI ने 2021 में वॉल्यूम कैप गाइडलाइंस को लागू करने की योजना बनाई थी. लेकिन सर्विस प्रोवाइडर्स के दबाव के चलते इसके लागू करने के फैसले को 2024 तक बढ़ा दिया गया था.

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नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ने मंगलवार को UPI वॉल्यूम कैपिंग को लागू करने के फैसले को दो साल के लिए और बढ़ा दिया है. दरअसल वॉल्यूम कैपिंग के जरिए थर्ड पार्टी ऐप के मार्केट शेयर को सीमित करने की कोशिश की जा रही है.

दरअसल NPCI ने 2021 में वॉल्यूम कैप गाइडलाइंस को लागू करने की योजना बनाई थी. लेकिन सर्विस प्रोवाइडर्स के दबाव के चलते इसके लागू करने के फैसले को 2024 तक बढ़ा दिया गया था.

NPCI ने एक स्टेटमेंट में कहा, 'अलग-अलग तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा TPAPs को लागू करने की तारीख को 31 दिसंबर 2026 तक दो साल के लिए और बढ़ा दिया गया है.' ये कैपिंग सिर्फ थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स के लिए की गई है. जबकि बैंक द्वारा चलाए जाने वाले UPI ऐप्स पर इस तरह की सीमा पर छूट दी गई है.

ये एक्सटेंशन फोनपे और गूगलपे के लिए एक पॉजिटिव खबर है, जो UPI पेमेंट मार्केट्स में प्रभुत्वशाली है. फिलहाल मौजूद 75 UPI ऐप्स में से सिर्फ 2; फोनपे और गूगलपे के पास 85% से ज्यादा हिस्सेदारी (वॉल्यूम और वैल्यू, दोनों के हिसाब से) है.

17 नए TPAPs (थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर्स) 2024 में अपनी UPI सेवाओं के साथ लाइव गए हैं. नए सर्विस प्रोवाइडर्स में आदित्य बिरला कैपिटल डिजिटल और फ्लिपकार्ट जैसे स्थापित प्लेयर्स शामिल हैं, लेकिन लिस्ट में कई कम ख्यात नाम भी हैं. दरअसल ये सर्विस प्रोवाइडर्स एक विशेष वर्ग को टारगेट कर रहे हैं, ना कि बड़े बाजार में स्थापित प्लेयर्स को चुनौती दे रहे हैं. NPCI, भारत में ऑपरेटिंग रिटेल पेमेंट्स और सेटलमेंट सिस्टम के लिए अम्ब्रेला ऑर्गेनाइजेशन है.