सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का 75 साल की उम्र में निधन

हाइपर टेंशन और डायबिटीज से पैदा हुई मुश्किलों के साथ लंबी लड़ाई के बाद सुब्रत रॉय को कार्डियक अरेस्ट आया और रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया.

Source: Reuters

सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है, वो 75 वर्ष के थे. कंपनी के प्रवक्ता ने एक रिलीज में बताया है, सहारा इंडिया परिवार हमारे माननीय 'सहाराश्री' सुब्रत रॉय सहारा, प्रबंध कार्यकर्ता और अध्यक्ष, सहारा इंडिया परिवार के निधन की सूचना बेहद दुख के साथ दे रहा है.

लंबी बीमारी के बाद निधन

बयान में बताया गया है कि हाइपर टेंशन और डायबिटीज से पैदा हुई मुश्किलों के साथ लंबी लड़ाई के बाद सुब्रत रॉय को कार्डियक अरेस्ट आया और रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया. सुब्रत रॉय को सेहत खराब होने के बाद 12 नवंबर को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था.

सुब्रत रॉय ने रिटेल, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन, मीडिया और फाइनेंशियल सर्विसेज के सेक्टर में एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया था, लेकिन वो विवादों में भी घिरे रहे. उन्हें अपनी ग्रुप कंपनियों को लेकर कई रेगुलेटरी और कानूनी लड़ाइयों का भी सामना करना पड़ा, जिन पर पोंजी स्कीम चलाने का भी आरोप लगा, हालांकि कंपनी ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया.

सहारा ग्रुप: मल्टी बिलियन डॉलर कंपनी

अपने कार्यकाल के दौरान सुब्रत रॉय ने सहारा ग्रुप को मल्टी बिलियन डॉलर की कंपनी बना दिया था, जो भारत में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली कंपनियों में से एक बनी. सुब्रत रॉय को राजनीति, बॉलीवुड और देश के शक्तिशाली लोगों से दोस्ती के लिए जाना जाता था. सुब्रत रॉय की लीडरशिप में सहारा ने भारतीय क्रिकेट और हॉकी टीमों को भी स्पॉन्सर किया और एक फॉर्मूला वन रेसिंग टीम की भी मालिक रही.

मुश्किलों का लंबा दौर

नवंबर, 2010, सुब्रत रॉय के लिए मुश्किलें लेकर आया. मार्केट रेगुलेटर SEBI ने सहारा ग्रुप की दो इकाइयों को शेयर बाजार से पैसा जुटाने या लोगों को किसी भी तरह की सिक्योरिटी जारी करने से रोक दिया. साथ ही रॉय को धन जुटाने के लिए जनता से संपर्क करने पर भी रोक लगा दी. मामला बढ़ा तो साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि वो अपनी कंपनियों की ओर से निवेशकों को 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम वापस नहीं करने से जुड़े एक अवमानना मामले में कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए थे. हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई लेकिन उनके कई बिजनेसेज के लिए मुश्किलों का दौर शुरू हो चुका था.