एंबेसी REIT के लिए अच्छी खबर नहीं है. मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इसे मैनेज करने वाली कंपनी एंबेसी ऑफिस पार्क्स को अपने CEO अरविंद मैया को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया है.
SEBI ने NFRA यानी नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी की जांच के बाद एंबेसी ऑफिस पार्क्स मैनेजमेंट सर्विसेज को CEO अरविंद मैया को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया है. NFRA ने अपनी जांच में पाया कि कॉफी डे एंटरप्राइजेज के ऑडिट के दौरान मैया की ओर से लापरवाही बरती गई थी.
अस्थायी उपाय के रूप में मार्केट रेगुलेट ने कंपनी को कुछ समय के लिए एक ऐसा अंतरिम CEO नियुक्त करने को कहा है, जो SEBI के "फिट और प्रॉपर" की शर्तों को पूरा करता हो. अगला निर्देश जारी होने तक अरविंद मैया का निलंबन प्रभावी रहेगा.
ये फैसला कॉफी-डे के भीतर उल्लंघनों की SEBI जांच से जुड़ा है, जहां कथित तौर पर जरूरी कॉरपोरेट मंजूरी के बगैर रिलेटेड कंपनी 'मैसूर अमलगमेटेड कॉफी एस्टेट्स' को फंड ट्रांसफर किया गया था. NFRA की इस जांच से पता चलता है कि कॉफी डे की सहायक कंपनियों से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का फंड MACEL को ट्रांसफर की गई, जो दिवंगत CDEL संस्थापक VG सिद्धार्थ से जुड़ी कंपनी है. ऑडिट में ये पाया गया कि इस फंड डायवर्जन को कॉफी डे के निवेशकों से छुपाया गया था. इस धोखाधड़ी के खुलासे के बाद कंपनी का शेयर बुरी तरह टूट गया था और निवेशकों को नुकसान हुआ.
कॉफी-डे में जब ये सब हो रहा था तब मैया BSR & Co के पार्टनर थे. इस कंपनी के पास कॉफी-डे के ऑडिट की जिम्मेदारी थी. NFRA ने कहा कि ऑडिट प्रक्रिया इन वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाने या खुलासा करने में नाकामयाब रही थी. SEBI ने पाया कि ऑडिट को मैया की निगरानी में किया गया था. NFRA के निष्कर्षों के कारण, SEBI उन्हें "फिट और प्रॉपर" की शर्तों के हिसाब से अयोग्य मानती है.
मार्केट रेगुलेटर ने इस बात पर जोर दिया कि उससे इस फैसले का मकसद निवेशकों के हितों की रक्षा करना और कंपनियों के भीतर नेतृत्व की जवाबदेही के महत्व को मजबूत करना है, ताकी शेयर बाजार के प्रति विश्वास बना रहे.