Tata Sons अगले साल तक करा सकता है टाटा कैपिटल की लिस्टिंग- NDTV Profit एक्सक्लूसिव

RBI के नियमों के मुताबिक, 'अपर लेयर वाली नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी को सितंबर 2025 तक बाजार में लिस्ट होना होगा'.

Source: Company

टाटा संस (Tata Sons) की फाइनेंशियल सर्विसेज की सब्सिडियरी टाटा कैपिटल (Tata Capital) की लिस्टिंग अगले साल तक हो सकती है. टाटा ग्रुप के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया, फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म की लिस्टिंग अपने मौजूदा बिजनेस के साथ हो सकती है.

टाटा कैपिटल की बात करें तो बैंक रेगुलेटर RBI के मुताबिक इसे अपर लेयर की NBFC में शामिल किया गया है. सितंबर 2022 को जारी किए गए RBI के नियमों के मुताबिक, 'अपर लेयर वाली नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी को सितंबर 2025 तक बाजार में लिस्ट होना होगा'.

बता दें कि टाटा संस के पास टाटा कैपिटल को मिलाकर कुल 14 ऐसी कंपनियां हैं, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से अपर लेयर की कैटेगरी में शामिल हैं.

टाटा कैपिटल को NBFC-CIC (कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी) में शामिल किया गया था. कंपनी की 2 सब्सिडियरी टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज और टाटा क्लीनटेक कैपिटल हाल ही में कंपनी के साथ मर्ज हुई थीं.

बात करें टाटा कैपिटल फाइनेंशियल की, तो ये कंपनी टर्म लोन, कैश क्रेडिट, वर्किंग कैपिटल डिमांड लोन, ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी उपलब्ध कराती है और टाटा क्लीनटेक कैपिटल एक ज्वाइंट वेंचर (JV) है जो IFC के साथ बनाया गया है. टाटा क्लीनटेक कैपिटल रीन्यूएबल एनर्जी, एनर्जी एफिशिएंसी, वेस्ट मैनेजमेंट, वॉटर मैनेजमेंट सेक्टर से जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंस और एडवायजरी सर्विसेज उपलब्ध कराती है.

1 जनवरी 2024 को हुए इस मर्जर में IFC को टाटा कैपिटल में 7.16 करोड़ शेयर मिले, जिससे कंपनी में 2% हिस्सेदारी की मालिक बन गई.

अब आगे क्या?

टाटा कैपिटल ने हाल ही में RBI के पास NBFC-CIC से बदलकर NBFC-ICC (इन्वेस्टमेंट एंड क्रेडिट कंपनी) में बदले जाने के लिए आवेदन किया है.

मर्जर के बाद, टाटा हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड और टाटा सिक्योरिटीज और प्राइवेट इक्विटी बिजनेस इकाइयां सब्सिडियरी के रूप में होंगी.

हाउसिंग फाइनेंस आर्म का रेगुलेशन नेशनल हाउसिंग बोर्ड की ओर से किया जाता है. वहीं टाटा सिक्योरिटीज और प्राइवेट इक्विटी SEBI की ओर से रेगुलेट होती हैं.

कंपनी की वित्तीय हालत

दिसंबर 2023 में टाटा कैपिटल के पास 1.49 लाख करोड़ रुपये का लोन बुक था, जिसमें 88% हिस्सेदारी रिटेल और SMEs की है. रिटेल में भी 50% पोर्टफोलियो मॉर्गेज, 20% ऑटो और 23% अनसिक्योर्ड लेंडिंग में लगाया गया है.

FY24 के शुरुआती 9 महीने तक,कंपनी का डिस्बर्सल 39% बढ़कर 74,498 करोड़ रुपये रहा. कंपनी की लोन बुक 34% बढ़कर 1,49,165 करोड़ रुपये रही.

FY24 में दिसंबर 2023 तक कंपनी की आय 37% बढ़कर 6,297 करोड़ रुपये रही और PAT 34% बढ़कर 2,367 करोड़ रुपये रहा.

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