6 महीने में दोगुना हुआ वोडा-आइडिया का शेयर, सरकार के हिस्सेदारी खरीदने से फायदा

वोडाफोन आइडिया के शेयर पिछले 6 महीने में दोगुने हो गए हैं. कंपनी लंबे समय से आर्थिक संकट में है और उसे फंडिंग भी नहीं मिल रही है, इसके बावजूद इसके शेयर में जोरदार तेजी है.

Photo: BQ Prime

वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयर पिछले छह महीनों में दोगुने हो गए हैं. हैरानी की बात ये है कि कंपनी लंबे समय से आर्थिक संकट (Economic Crisis) में है और उसे फंडिंग भी नहीं मिल रही है. यही नहीं टेलीकॉम कंपनी को कारोबार जारी रखना बेहद मुश्किल लग रहा है. लेकिन इसके शेयर (Shares) में इतने बड़े उछाल की एक ही वजह है, वो है उम्मीद.

एक महीने में 24% की तेजी

वोडा-आइडिया के शेयर में पिछले छह महीने के दौरान 107% और पिछले एक महीने में 24% की तेजी देखी गई है. इसके मुकाबले भारती एयरटेल के शेयर में पिछले छह महीनों के दौरान 17.27% की तेजी आई है और पिछले 30 दिनों में ये बड़े तौर पर शेयर फ्लैट रहा है.

कंपनी को लेकर सबसे बड़ी चिंता कर्ज को लेकर है. 30 सितंबर तक वोडा-आइडिया का कुल कर्ज 2.12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है. कंपनी को प्रमोटर वोडाफोन Plc. से भी सपोर्ट नहीं मिल रहा है. इसलिए वोडाफोन आइडिया को भी मुश्किल से बाहर निकलने की कोई उम्मीद नहीं है.

लेकिन रिटेल और हाई नेट वर्थ वाले शेयरधारकों को उम्मीद सरकार की हिस्सेदारी खरीदने और मौजूदा निवेशकों से फंडिंग की संभावना की वजह से है. इसके अलावा टैक्स रिफंड के जल्द मिलने की उम्मीद से भी निवेशकों के बीच पॉजिटिव सेंटिमेंट है.

इससे पहले कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अक्षय मुंद्रा ने कहा था कि वोडाफोन आइडिया अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान इक्विटी निवेशकों के साथ चर्चा खत्म करेगी. इस इक्विटी फंडिंग के आधार पर बैंक कंपनी को कर्ज देंगे.

वोडाफोन आइडिया का क्या है प्लान?

आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने 7वीं भारतीय मोबाइल कांग्रेस में कहा था कि वोडाफोन आइडिया आने वाली तिमाहियों में 5G नेटवर्क की शुरुआत और 4G का प्रचार शुरू करेगी. कंपनी ने अगस्त में ये भी ऐलान किया था कि अगर जरूरत पड़े तो एक प्रमोटर ने 2,000 करोड़ रुपये डालने का भी वादा किया है.

वोडाफोन आइडिया में वोडाफोन ग्रुप की 18.1% और आदित्य बिड़ला ग्रुप की 32.3% हिस्सेदारी है. केंद्र सरकार 33% के साथ सबसे बड़ी हिस्सेदार है.

टेलीकॉम से जुड़े रेगुलेटरी मामले देखने वाली कंसल्टिंग कंपनी कॉम फर्स्ट इंडिया के हेड महेश उप्पल ने कहा कि सरकार के वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी खरीदने से लोगों को दोबारा भरोसा मिला है कि कंपनी जल्द मरने वाली नहीं है. सरकार सबसे बड़ी इक्विटी होल्डर है और इसलिए वो ये नहीं चाहेगी कि कंपनी बंद हो जाए.

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