निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आया, आईटी क्षेत्र की चुनौतियों को देख सेंसेक्स 44 अंक टूटा

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे से पहले शेयर बाजारों में बुधवार को गिरावट आयी और निफ्टी अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर से नीचे आ गया. बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स भी 44.52 अंक की गिरावट के साथ 29,398.11 अंक पर बंद हुआ. फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन समेत नीतिनिर्माताओं की टिप्पणी से ऐसी संभावना है कि ब्याज दर में वृद्धि की जा सकती है.

शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला, विदेशी कोष का प्रवाह जारी (प्रतीकात्मक फोटो)

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे से पहले शेयर बाजारों में बुधवार को गिरावट आयी और निफ्टी अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर से नीचे आ गया. बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स भी 44.52 अंक की गिरावट के साथ 29,398.11 अंक पर बंद हुआ. फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन समेत नीतिनिर्माताओं की टिप्पणी से ऐसी संभावना है कि ब्याज दर में वृद्धि की जा सकती है. ऐसी स्थिति में विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से धन निकाल सकते हैं जिससे घरेलू बाजार पर असर पड़ेगा. डॉलर के मुकाबले रुपये के मजबूत होने के साथ सॉफ्टवेयर कंपनियों के शेयरों में गिरावट जारी है. सॉफ्टवेयर निर्यातकों की 60 प्रतिशत आय अमेरिका और यूरोप से आती है. रुपया मजबूत होने पर उनकी रुपये में आय प्रभावित होने के आसार है. डॉलर के मुकाबले रुपया 65.69 पर पहुंच गया जो 16 महीने का उच्च स्तर है.

तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 44.52 अंक या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 29,398.11 अंक पर बंद हुआ. पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स 540.69 अंक मजबूत हुआ था और भाजपा की उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शानदार जीत से मंगलवार को यह दो साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया. 50 शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 2.20 अंक या 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,084.80 अंक पर बंद हुआ. मंगलवार को यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, ‘‘रुपये में मजबूती जारी रहने से आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट का शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ा. फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय को लेकर आशंका भी है लेकिन इससे निवेशकों पर ज्यादा असर नहीं हुआ है.

निवेशक कीमतों में हाल की तेजी से उत्साहित हैं.’’ मुद्रास्फीति में वृद्धि से भी धारणा प्रभावित हुई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 3.65 प्रतिशत रही जो चार महीने का उच्च स्तर है. वहीं थोक मुद्रास्फीति 39 महीने के उच्च स्तर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गयी. इससे अप्रैल में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद कम हुई है. इसके अलावा, फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले वाल स्ट्रीट में गिरावट के बाद एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख से भी धारणा प्रभावित हुई.

आईटी, प्रौद्योगिकी, तेल एवं गैस क्षेत्र में मौजूदा उच्च स्तर पर बिकवाली देखी गयी. वहीं दूसरी तरफ रीयल्टी, वाहन, उपभोक्ता टिकाऊ, धातु तथा बैंक में लिवाली देखी गयी. टीसीएस, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, विप्रो, कोल इंडिया, ओएनजीसी, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, ल्यूपिन, एल एंड टी, एनटीपीसी तथा गेल के शेयर दबाव में रहे और इसमें 2.42 प्रतिशत तक की गिरावट आयी. वहीं दूसरी तरफ टाटा स्टील, हीरो मोटो कॉर्प, आरआईएल, एसबीआई, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, अडाणी पोर्ट्स तथा एचडीएफसी में तेजी आयी.

आइडिया के टावर कारोबार की बिक्री की रिपोर्ट से दूरसंचार कंपनी का शेयर 9.65 प्रतिशत मजबूत हुआ. एमआरएफ लि. का शेयर 7.66 प्रतिशत मजबूत हुआ. इसका कारण कच्चे माल की कीमतों में लगातार गिरावट है. साथ ही सिएट, टीवीएस श्रीचक्रम, जेके टायर्स, अपोलो टायर्स और गूड ईयर इंडिया में अच्छी तेजी आयी. वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में मिला-जुला रुख रहा जबकि शुरुआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में तेजी रही.

लेखक Bhasha
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