दक्षिण एशिया एक्सपो : जालंधर प्रदर्शनी में पाकिस्तानी सामानों के खरीदार ज्यादा नहीं...

भारत में नोटबंदी का असर कहें या फिर पाकिस्तानी सामानों की ऊंची कीमतें, जालंधर में चल रही विभिन्न देशों की संयुक्त प्रदर्शनी में पाक व्यापारियों को ज्यादा खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं. हालांकि, पाक व्यापारियों का कहना है कि रावलपिंडी चैंबर उन्हें यहां काफी उम्मीदें लेकर आया है.

दक्षिण एशिया एक्सपो : जालंधर प्रदर्शनी में पाकिस्तानी सामानों के खरीदार ज्यादा नहीं...

भारत में नोटबंदी का असर कहें या फिर पाकिस्तानी सामानों की ऊंची कीमतें, जालंधर में चल रही विभिन्न देशों की संयुक्त प्रदर्शनी में पाक व्यापारियों को ज्यादा खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं. हालांकि, पाक व्यापारियों का कहना है कि रावलपिंडी चैंबर उन्हें यहां काफी उम्मीदें लेकर आया है.

पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स, पंजाब तथा रावलपिंडी चैंबर के संयुक्त तत्वावधान में इस बार दक्षिण एशिया एक्सपो का आयोजन जालंधर में किया गया है. इसमें भारत के अलावा पाकिस्तान और अफगानिस्तान से कई व्यापारी अपने सामान लेकर यहां आये हैं. पांच दिवसीय इस प्रदर्शनी के तीन दिन बीत चुके हैं.

पाक परिधानों का स्टॉल लगाने वाले ओसामा जुल्फिकार ने बताया, ‘‘रिस्पांस नहीं है. पिछली बार मैं तो यहां नहीं आया था लेकिन हमें जानकारी दी गयी थी कि बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी कपडों की मांग यहां है लेकिन यहां आने पर ऐसा कुछ नहीं दिख रहा. मैं जितना कपड़ा लेकर आया हूं, पहले तीन दिन में उसका 30 फीसदी भी नहीं बिका है.’’

पाकिस्तानी सामान की कम बिक्री का कारण पूछे जाने पर कपड़े की दुकान चलाने वाले मोहम्मद अयाज बताते हैं, ‘‘मैं इस बारे में क्या कहूं. पिछले कुछ सालों की अच्छी बिक्री का हवाला दिया गया था, लेकिन इस बार तो लोग केवल पूछताछ ही कर रहे हैं. यहां की सरकार ने नकदी कम रखने की व्यवस्था लागू कर दी है हो सकता है कम बिक्री का यह भी एक कारण हो.’’ यह पूछने पर कि क्या आपको लगता है कि नोटबंदी के कारण खरीदारी प्रभावित हुई है, कराची से पत्थर का सामान लेकर आए व्यापारी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता है, क्योंकि ऐसा होता तो सूरजकुंड मेले में भी इसका असर दिखाई देता.

आपका सामान महंगा है, इस पर पाकिस्तान से आये व्यापारी करीम ने कहा, ‘‘कराची से पहले मुंबई तक का किराया, फिर मुंबई से यहां लाने का किराया, इसके अलावा यहां रहने, खाने पीने और फिर वापस जाने का खर्च कहां से आएगा. इसके अलावा सीमा शुल्क का भी खर्च निकालना होता है.’’ दूसरी ओर, ग्राहकों की माने तो पाक से हर बार एक ही तरह के कपड़े आते हैं और कीमतें बढ़ी होती हैं.

सिविल लाइंस इलाके में रहने वाली शिवानी कहती हैं, ‘‘मैं हर बार इस एक्सपो में आयी हूं. हर बार कपड़े एक ही तरह के होते हैं और कीमतें बढ़ी हुई होती है. नोटबंदी का कोई असर नहीं है. अगर ऐसा होता तो स्थानीय कपड़ों की दुकानों और स्टोरों पर भी इसका असर दिखाई देता.’’ हालांकि, मिस्र नागरिक तथा पाक व्यापारी ईसा मोहम्मद ने कहा, ‘‘हमारे सामानों को बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. औरों का मुझे नहीं पता लेकिन हमारे ड्राई फ्रूट और मसाले जालंधर के लोगों को खूब भा रहे हैं. हालांकि, पिछली बार से कम पूछताछ है.’’

लेखक Bhasha
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