नोट बंदी : अपने बैंक खाते में किसी और का पैसा जमा करवा रहे हैं? सावधान!

'क्या आप किसी और का पैसा अपने बैंक अकाउंट में जमा करवा रहे है? बेनामी लेन-देन के दोषी पाए जाने पर आपको 1 से 7 साल तक की जेल और जुर्माना देना पड़ सकता है.' लोगों को गैर कानूनी रूप से धन जमा करवाने के नतीजों से आगाह करने के लिए ये विज्ञापन इनकम टैक्स विभाग ने अखबारों में दिया है.

विमुद्रीकरण : अपने बैंक खाते में किसी और का पैसा जमा करवा रहे हैं? सावधान!

'क्या आप किसी और का पैसा अपने बैंक अकाउंट में जमा करवा रहे है? बेनामी लेन-देन के दोषी पाए जाने पर आपको 1 से 7 साल तक की जेल और जुर्माना देना पड़ सकता है.' लोगों को गैर कानूनी रूप से धन जमा करवाने के नतीजों से आगाह करने के लिए ये विज्ञापन इनकम टैक्स विभाग ने अखबारों में दिया है.

दरअसल, इस तरह की रिपोर्ट्स आ रही थीं कि कुछ लोग अपने बैंक खातों को 'किराए' पर दे रहे हैं. यानी, जिन लोगों को टैक्स अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकते हुए अपने पुराने नोट बैंक खातों में जमा करवाने हैं, वे इन किराए के खातों का प्रयोग कर रहे थे.  केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी लोगों को गैर कानूनी रूप से पुराने नोटों की अदला-बदली व डिपॉजिट आदि कृत्यों के लिए 'कड़ी दंडात्मक कार्रवाई' करने की चेतावनी थी.

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आरबीआई के बयान के मुताबिक- कुछ लोग बातों में आकर अन्य लोगों के नोटों की अदला बदली कर रहे हैं. कुछ लोग अपने बैंक अकाउंट में उनका भारी कैश भी जमा करवा रहे हैं. इनकम टैक्स विभाग ने सभी बैंकों को इन 50 दिनों के विंडो-पीरियड में ढाई लाख रुपए से अधिक जमा करवाए गए अब पुराने हो चुके नोटों के बाबत सूचना देने के लिए कहा है. इससे पहले बैंकों को आईटी विभाग को तभी सूचित करना होता था जब अकाउंट में जमा करवाया गया धन 10 लाख रुपए सालाना से अधिक हो.

सरकार यह स्पष्ट कर ही चुकी है कि अमान्य हो चुके इन नोटों को अकाउंट में जमा करवाने के बाद ऐसा नहीं है कि आप टैक्स संबंधी जिम्मेदारियों से बच जाएंगे. क्लियरटैक्स डॉट कॉम की चीफ एडिटर प्रीति खुराना के मुताबिक, आयकर विभाग डिपॉजिट करने वालों से जमा किए गए धन के बाबत सवाल जवाब कर सकता है और खाताधारक को यह साबित करना होगा कि यह धन किस स्रोत से है, ताकि वह आगे की कार्रवाई की जद में न आए.

टैक्स विभाग कह चुका है कि बेनामी एक्ट के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे के अकाउंट में बेहिसाब धन जमा करवाने वाले शख्स को बेनामीदार के तौर पर माना जाता है. बेनामी सौदा निषेध कानून, 1988 (बेनामी एक्ट) 1 नवंबर को लागू हुआ था.

बेनामीदार, जिसे इस कृत्य से फायदा हो रहा है और कोई भी अन्य व्यक्ति जो उसे बेनामी ट्रांजैक्शन के लिए प्रेरित कर रहा है, उकसा रहा है, को 1 से 7 साल की सजा भुगतनी पड़ सकती है. साथ ही उसे जुर्माना भी अदा करना पड़ सकता है. टैक्स विभाग ने यह जानकारी देते हुए चेताया कि इन खातों का धन जब्त किया जा सकता है.

अशोक महेश्वरी ऐंड असोसिएट्स एलएलपी के डायेक्टर टैक्स संदीप सहगल के मुताबिक, ध्यान दें कि इस कानून के तहत संपत्ति का अर्थ है सभी प्रकार की संपत्ति, चाहे वह चल या अचल संपत्ति, वास्ताविक या अमूर्त हों. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे का नकद अपने अकाउंट में जमा करवाता है तो वह बेनामी ट्रांजैक्शन माना जाएगा. उन्होंने बताया- यह एक्ट इनकट टैक्स एक्ट (1961) से अधिक कठोर है और इसकी जद में आने पर ज्यादा बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

लेखक NDTV Profit Desk
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